उत्तराखंड : भू-माफिया-कर्मचारियों का खतरनाक गैंग…लोगों की जमीनों कब्जा
देहरादून: यह बात किसी से छुपी नहीं है कि राजधानी देहरादून में भू-माफिया का जाल इतना भयंकर तरह से फैला हुआ है कि उसमें नेता से लेकर अधिकारी और आमा लोग तक हर कोई फंसा हुआ है। यह ऐसा जाल है, जिसमें फंसकर कई लोग अपने जीवनभर की पूंजि और जमीनें गंवा चुके हैं। यह जाल तब और खतरनाक हो जाता है, जब इनके साथ रजिस्ट्रार ऑफिस के रिकॉर्ड रूम के कर्मचारी शामिल हो जाते हैं।
ऐसे ही एक गैंग का खुलासा DM सोनिका ने किया है। उन्होंने कुछ मामलों में जांच के आदेश दिए थे। जांच के बाद से बातें सामने आई, वो बेहद चौंकाने वाली हैं। रजिस्ट्रार कार्यालय के कर्मचारियों और भू-माफिया की मिलीभगत से रिकार्ड रूम के अंदर असली रजिस्ट्री को बदलने और गायब करने का गैंग चल रहा था। जांच में सामने आया कि रिकार्ड रूम में असली रजिस्ट्री को बदल कर उसके स्थान पर भू माफिया अपने अनुसार फर्जी दस्तावेजों को रिकार्ड में शामिल करा रहे थे।
बड़ी खबर : भारी बारिश से कोटद्वार में तबाही, मालन पुल टूटा
यह गैंग इतना खतरनाक हो चुका था कि कई लोगों को अपनी पुश्तैनी जमीन तक को गंवाना पड़ा। गैंग में शामिल कर्मचारी फर्जी विक्रय, दानपत्र, अभिलेखों में छेड़छाड़ कर उसका लाभ भू-माफिया को पहुंचा रहे थे। ये खेल कोई एक-दो दिन का नहीं। बल्कि, सालों से चल रहा था। एडीएम वित्त की ओर से जांच में पकड़े गए चारों मामलों में आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के आदेश दे दिए गए हैं।
DM सोनिका से एक महिला ने जनसुनवाई कार्यक्रम में शिकायत कर आरोप लगाया कि उसकी पुश्तैनी जमीन के दस्तावेजों को रजिस्ट्री कार्यालय के रिकार्ड में बदल दिया गया है। इस कारण वह अपनी जमीन से वंचित हो गई। इसी तरह एक दूसरे मामले में पीलीभीत के नगरिया तहसील पूरनपुर के रहने वाले मक्खन सिंह ने दावा किया कि आईएएस रहीं प्रेमलाल ने उन्हें 60 बीघा जमीन की पावर आफ अटार्नी की थी।
इस आधार पर यह जमीन उनकी है। ऐसे कुल चार मामले संदिग्ध प्रतीत होने पर डीएम ने एडीएम प्रशासन डा. एसके बरनवाल को जांच सौंपी। जांच में उन्होंने पाया कि रजिस्ट्रार आफिस के रिकार्ड रूम में असली रजिस्ट्री को बदलने का खेल चल रहा है। जिल्दों में रजिस्ट्री को बदला जा रहा है।
जांच में चारों मामलों में नकली रजिस्ट्री को रिकार्ड में शामिल किया जाना पाया गया। ADM वित्त रामजी लाल शर्मा ने बताया कि सीलिंग भूमि, अतिरिक्त घोषित भूमि और चाय बागान, शत्रु सम्पत्ति समेत कई अन्य संपत्तियों पर फर्जी कागजों के जरिए मालिकाना हक जताकर कब्जा करने के प्रयास किये जा रहे थे। इस प्रकरण में शामिल लोगों को चिन्हित किया जा रहा है। इन सभी के खिलाफ रिपेार्ट दर्ज कराने के आदेश दे दिए गए हैं।
उत्तराखंड : भू-माफिया-कर्मचारियों का खतरनाक गैंग…लोगों की जमीनों कब्जा