विजिलेंस: पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत तक पहुंची जांच, कई ठिकानों पर छापेमारी

कॉर्बेट पार्क के पाखरु रेंज में निर्माण कार्य को लेकर घोटाले मामले से जुड़े मामले में विजिलेंस ने पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के ठिकानों पर छापेमारी की. इस दौरान टीम ने सर्च ऑपरेशन चलाया जिसमे देहरादून जिले के सहसपुर थाना क्षेत्र स्थित दून इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस हॉस्पिटल और रायवाला थाना क्षेत्र के पेट्रोल पंप में सर्चिंग की गई. जिस समय छापे मारे जा रहे थे उस समय कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत भी कॉलेज में रहे.

सूत्रों की माने तो टीम ने हरक सिंह रावत से भी घंटो की पूछताछ की. इस मामले में विजिलेंस निदेशक वीर मुरुगेशन ने जानकारी देते हुए बताया कि सूचना थी कि सरकारी फंड से प्राइवेट प्रॉपर्टी को खरीदा गया था जिसके बाद टीम को सर्चिंग के लिए लगाया गया है.

हल्द्वानी सेक्टर की टीम दोनों ठिकानों में पहुंची थी और सर्च ऑपरेशन चला कर साक्ष्य जुटाए गए. उन्होंने बताया कि सरकारी पैसे से लिए गए दो जनरेटर को प्राइवेट प्रॉपर्टी में लाकर इंस्टॉलमेंट कराया गया. इस मामले में अभी जांच जारी है अन्य जो भी जानकारियां मिल रही है उसके आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी.

गौरतलब रहे कि हरक सिंह रावत भाजपा की पिछली सरकार में वन मंत्री थे और उस दौरान कॉर्बेट पार्क में करोड़ों की योजनाओं में गंभीर सवाल खड़े हुए.उस दौरान इन मामलों में उनके नामों की चर्चाएं थी. इसी को देखते हुए आज विजिलेंस ने हरक सिंह रावत के देहरादून के ठिकानों में छापेमारी की. बताया जा रहा है कि इन छापों से हरक सिंह रावत की मुश्किलें बढ़ सकती है.

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि एक ओर भाजपा से जुडे व्यवसायियों एवं नेताओं के भ्रष्टाचार को केन्द्र सरकार द्वारा संरक्षण दिया जा रहा है वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं पर छापेमारी की कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने कहा कि जब तक डॉ हरक सिंह रावत भाजपा में थे तब तक उन पर कोई आरोप नहीं था परन्तु भाजपा छोडते ही वे भाजपा की आंख की किरकिरी बन गये हैं.

उन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार के इशारे पर बिजिलेंस द्वारा की गई इस कार्रवाई की कड़े शब्दों में निन्दा की जानी चाहिए. इस कार्रवाई से भाजपा सरकारों ने राजनैतिक प्रतिद्वंदिता एवं प्रतिशोध की सभी सरहदें पार कर ली हैं. विजिलेंस द्वारा द्वेषपूर्ण ढंग से केन्द्र व राज्य सरकार के इशारे पर डॉ हरक सिंह रावत के परिजनों के संस्थानों में की गई छापेमारी की कार्रवाई अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण एवं निंदनीय है.

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