पुरोला: भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान अहमदाबाद (Entrepreneurship Development Institute Of India) व उच्च शिक्षा विभाग उत्तराखंड सरकार के सहयोग से बर्फिया लाल जुवांठा स्नातकोत्तर महाविद्यालय पुरोला में देवभूमि उद्यमिता कैम्प की स्थापना और दो दिवसीय बूट कैम्प के प्रथम दिवस में भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान अहमदाबाद गुजरात के विशेषज्ञ गौतम कुमार, महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एके तिवारी और कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. विनय नौटियाल, छात्र संघ के अध्यक्ष अजय और ऋतिक ने द्वीप प्रज्वलित कर विधिवत शुभारंभ किया। प्रथम दिवस में छात्रों को उद्यमिता और विचारों को उद्यम में परिवर्तित और नये विचारों से रोजगार सृजन के बारे में विस्तार से बताया गया।
छात्रों को व्यवसायिक कैनवास पर व्यवसायिक मॉडल बनाने के टिप्स दिये गए और छात्रों द्वारा व्यवसायिक विचारों का कैनवास तैयार किया गया। द्वितीय दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि, पहाड़ी उत्पादों के व्यवसायी श्री नरेश नौटियाल व हार्क संस्था के राकेश कुमार और महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एके तिवारी ने द्वीप प्रज्वलित कर विधिवत शुभारंभ किया।
कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ विनय नौटियाल द्दारा व्यवसाय शुरू करने के लिए आवश्यक जानकारी छात्रो को दी गयी, मुख्य अतिथि नरेश नौटियाल ने छात्र छात्राओं को स्वरोजगार के प्रति अपने अनुभव व मार्केटिंग रणनीति के बारे में विस्तार से बताया। राकेश कुमार द्वारा उद्यमिता के लिए क्षेत्र में संभावनाओं पर विचार रखे गए, कृष्ण देव रतूड़ी ने बागवानी पर अपने अनुभव बतायें, डाo विशम्बर जोशी ने प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग के बारे में जानकारी दी।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के प्रतिनिधि वीरेंद्र अवस्थी द्वारा म्यूचुअल फंड और स्टॉक मार्केटिंग के बारे में जानकारी दी गयी। महाविद्यालय के छात्र छात्राओं ने अपने-अपने बिजनेस आइडिया को विशेषज्ञ समिति के सम्मुख प्रस्तुत किया गया। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एके तिवारी, कार्यक्रम के नोडल डॉ विनय नौटियाल और विशेषज्ञ अतिथियों द्वारा महाविद्यालय में देवभूमि उद्यामिता केंद्र की स्थापना का उद्घाटन किया गया।
कार्यक्रम में राजेंद्र लाल आर्य और गौहर फातिमा द्वारा मंच संचालन, डॉ तबस्सुम, विनोद कुमार, भुपाल कार्की, नरेश, फातिमा खान, मनबीर, जगनाथ असवाल, कुंदन सिंह, बलबीर चौहान, प्रताप सिंह, सरोज, ललिता, कुशमिला, अष्टम, सुमन, रमेश, प्रहलाद और छात्र अनुज, विवेक, शीशपाल, नीरज, मुकुलदेव, अश्वनी, देव, रोहन, तुषार और प्रकृति द्वारा सहयोग प्रदान किया गया।