उत्तरकाशी: तेजी से आगे बढ़ रहे “रैट माइनर्स”, बस पांच मीटर दूर 41 जिंदगियां

उत्तरकाशी: उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल हादसे में बड़ी-बड़ी मशीनें फेल साबित हो रही हैं। जिन मशीनों को लोहा दुनियाभर में माइनिंग के लिए माना जाता है। जिनको लाने के लिए सेना के तीन-तीन हर्कुलिस विमानों को लगाना पड़ा। विदेशों से जिस टनल को खोलने के लिए दुनिया के सबसे श्रेष्ठ एक्सपर्ट बुलाए गए। बंद टनल के आगे सब फेल साबित हुए। अब विज्ञान फेल हुआ था तो इंसानों ने मोर्चा संभाल लिया है। रैट माइनर्स ने सुरंग के भीतर खोदाई शुरू कर दी  है।

टनल रेस्क्यू के दौरान बाबा बौखनाग भी खूब चर्चाओं में हैं। उत्तराखंड देवभूमि है, ऐसे में देवताओं की शरण भी ली जा रही है। विज्ञान के साथ आस्था का सहारा भी लिया जा रहा है। जिस तरह से मशीनें फेल हुई। जब कोई रास्ता नजर नहीं आया तो सेना को बुलाया गया। अब सेना के रैट माइनर्स टनल को कुतरने में जुटे हैं।

ताजा जानकारी के अनुसार रैट माइनर्स टनल को 2 मीटर तक कुतर चुके हैं। अब तक 52 मीटर तक पाइप अंदर जा चुका है। इस बीच सीएम धामी एक बार फिर टनल में चल रहे रूस्क्यू कार्यों का जायजा लेने पहुंचे। उन्होंने कहा कि सबकुछ ठीक चल रहा है। सभी लोग दिन-रात लगे हुए हैं।

सीएम धामी ने कहा कि सुरंग के अंदर एस्केप पैसेज 52 मीटर तक तैयार कर लिया गया है। 57 मीटर पर एस्केप पैसेज आर-पार हो जाएगा। अब मेटल के टुकड़े मिलना कम हो गए हैं। इसलिए जल्द रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होने की उम्मीद है। जैसे-जैसे टीम मजदूरों के नजदीक पहुंच रही है वैसे-वैसे सुरंग के बाहर हलचल भी बढ़ गई है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री रिटायर्ड जनरल वीके सिंह भी सिलक्यारा पहुंचे हैं। वह मैन्युअल ड्रिलिंग का जायजा लेने के लिए सुरंग के अंदर गए हैं।

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