देहरादून: टिहरी लोकसभा सीट पर कांग्रेस से वरिष्ठ नेता प्रीतम सिंह के चुनाव लड़ने से इनकार करने के बाद से ही कांग्रेस किसी मजबूत प्रत्याशी की तलाश में जुटी हुई थी। कांग्रेस एक युवा और अनुभवी विकल्प को टिहरी सीट पर आजमाना चाहती है। सूत्रों की मानें तो दीपक बिजल्वाण का नाम इस विकल्प के रूप में मजबूती से उभरा है। कांग्रेस उन पर दांव लगा सकती है। अगर ऐसा होता है, तो जहां टिहरी लोकसभा सीट पर एक नए चेहरे को मौका मिलेगा। वहीं, राजनीति में यह कदम दीपक का कद बड़ा करने वाला भी होगा।
दीपक बिजल्वाण मौजूदा वक्त में उत्तरकाशी जिले के जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। दीपक सबसे कम उम्र में जिला पंचायत अध्यक्ष बने और मुकाम हासिल किया। छात्र संघ अध्यक्ष पद से जिला पंचायत की कुर्सी तक पहुंचने के लिए राजनीतिक कौशल की जरूरत होती है। यह राजनीतिक कौशल दीपक को विरासत में मिला है। उनके पिता राज्य आंदोलनकारी रहे। राज्य आंदोलन के दौरान कई बार उनको जेल भी जाना पड़ा।
दीपक ने अपने पिता से ही राजनीति का ककहरा सीखा। दीपक की मूल विधानसभा पुरोला है। उन्होंने यमुनोत्री विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और मजबूत दावेदारी पेश की। दीपक चुनाव भले ही नहीं जीत पाए, लेकिन उन्होंने लोगों के दिल जरूर जीते। दीपक बिजल्वाण से भाजपा उम्मीदवार केदार सिंह रावत सात हजार वोटों से पीछे रहे।
इस पर दीपक बिजल्वाण का कहना है कि अगर पार्टी उनको मौका देती है, तो पूरी ताकत चुनाव लड़ेंगे। उनका कहना है कि यह चुनाव राजशाही की मानसिकता और युवा सोच के बीच होगा। उनका कहना है कि युवा पूरी ताकत से चुनावी मैदान में उतरेंगे।