देहरादून : प्रदेश में आगामी 17 सितम्बर से आयोजित होने वाले आयुष्मान भव अभियान के तहत रक्तदान हेतु पंजीकरण के साथ-साथ अंगदान, नेत्रदान एवं देहदान के लिये भी जनजागरूकता अभियान चलाया जायेगा। जिसके तहत तीन माह के दौरान रक्तदान हेतु दो लाख लोगों का पंजीकरण कराने तथा अंगदान व देहदान हेतु 10 हजार लोगों का पंजीकरण एवं शपथ का लक्ष्य रखा गया है। इस अभियान को सफल बनाने में स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ मेडिकल कॉलेज, उच्च शिक्षण संस्थान, एनएसएस, स्काउट्स-गाइड, रेडक्रॉस सोसाइटी व स्वयंसेवी संस्थाएं भी अपना योगदान देगी।
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने आज अपने शासकीय आवास पर स्वास्थ्य एवं उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ ही विभिन्न संगठनों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर आयुष्मान भव अभियान के आयोजन को लेकर विस्तृत चर्चा की। डॉ. रावत ने बताया कि प्रधानमंत्री के जन्मदिवस 17 सितम्बर से 02 अक्टूबर तक चलने वाले सेवा पखवाड़ा एवं 31 दिसम्बर तक चलने वाले आयुष्मान आपके द्वारा 3.0 कार्यक्रम के तहत प्रदेशभर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं।
जिनकी रूपरेखा तैयार की जा रही है। उन्होंने बताया कि इस अभियान के दौरान प्रत्येक विधानसभा के अंतर्गत 10-10 रक्तदान शिविरों का आयोजन कर रक्तदान कराने के साथ ही दो लाख लोगों का रक्तदान हेतु पंजीकरण का भी लक्ष्य रखा गया है। इसी प्रकार प्रदेशभर में जनजागरूकता अभियान चलाकर 10 हजार लोगों को देहदान एवं अंगदान के लिये तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
इसके लिये स्वैच्छिक रूप से तैयार लोगों को नेत्रदान, अंगदान व देहदान के लिये आयोजित होने वाले शिविरों में शपथ पत्र भरवाये जायेंगे। इसके अलावा अंगदान एवं देहदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से शीघ्र ही प्रदेश के प्रत्येक मेडिकल कॉलेजों में दधीची दीवार की स्थापना की जायेगी, जिस पर अंग एवं देह दानियों के नाम अंकित किये जायेंगे।
डॉ. रावत ने बताया कि आयुष्मान भव अभियान के तहत आयुष्मान कार्ड बनाने से वंचित रहे गये लोगों के आयुष्मान कार्ड एवं शत-प्रतिशत लोगों की आभा आईडी बनाई जायेगी। जिन ग्राम पंचायतों एवं शहरी वार्डों में शत-प्रतिशत आयुष्मान कार्ड बनाये जायेंगे उन्हें आयुष्मान ग्राम पंचायत एवं आयुष्मान शहरी वार्ड घोषित किया जायेगा। इसे अलावा राजकीय संयुक्त चिकित्सालयों व आयुष्मान हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स में साप्ताहिक स्वास्थ्य मेलों का आयोजन किया जायेगा जहां पर चिकित्सकों द्वारा स्थानीय लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण के साथ ही गैर संचारी रोंगों की जांच की जायेगी।