- हिमांतर संवाददाता, अल्मोड़ा
राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कुणीधार, मानिला, अल्मोड़ा (उत्तराखण्ड) के तत्वावधान में पांच दिवसीय ‘शिक्षक पर्व’ का शुभारंभ किया गया. पांच दिवसीय शिक्षक पर्व के उद्घाटन सत्र में विचार गोष्ठी एवं सह-नवागंतुक स्वागत समारोह की अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. जया पांडे द्वारा की गयी. अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में उन्होंने छात्रों को डॉ. सर्वपल्ली राधा कृष्णन के जीवन प्रसंग पर विस्तार से बताया तथा शिक्षा, शिक्षक और छात्र संबंध पर भी अपने विचार प्रस्तुत किए. इसी क्रम में डॉ. जया पांडे ने नवागंतुक छात्रों का महाविद्यालय परिवार में स्वागत भी किया. उद्घाटन सत्र के प्रथम चरण ‘विचार गोष्ठी’ में वक्ता के रूप में डॉ. रेखा, सहायक प्राध्यापिका, राजनीति विज्ञान विभाग व डॉ. धर्मेन्द्र यादव, सहायक प्राध्यापक, इतिहास विभाग ने शिक्षक दिवस का इतिहास, शिक्षा के विस्तार में प्रमुख शिक्षाविदों का योगदान व विभिन्न शिक्षा नीतियों सहित नई शिक्षा नीति 2020 पर विस्तार से अपने विचारों को प्रस्तुत किया.
उद्घाटन सत्र के द्वितीय चरण ‘नवागंतुक स्वागत वक्तव्य एवं मार्गदर्शन’ में महाविद्यालय के प्रोफेसर विकाश दुबे, वरिष्ठ प्राध्यापक, भौतिक विज्ञान विभाग व डॉ. शरद चंद्र मिश्र, वरिष्ठ सहायक प्राध्यापक, रसायन विज्ञान विभाग द्वारा नवागंतुक छात्रों का स्वागत किया गया तथा नवागंतुक छात्रों को महाविद्यालय में शिक्षा एवं अनुशासन के महत्व के संबंध में विस्तार से समझाया गया. नवागंतुक छात्रों को उनकी अपनी प्रतिभा के प्रदर्शन हेतु महाविद्यालय द्वारा उन्हें खुला मंच प्रदान किया गया. जिसमें छात्र-छात्राओं ने अपनी गायकी, नृत्य, विचार एवं कविताओं के माध्यम से अपनी रचनात्मकता प्रतिभा का परिचय दिया.
कार्यक्रम में महाविद्यालय के शिक्षक प्रो. विकाश दुबे, डॉ. शरद चन्द्र मिश्र, डॉ. शैफाली सक्सेना, डॉ. रेखा, डॉ. संतोष पंसारी, डॉ. शिल्पी अग्रवाल, डॉ. गार्गी लोहिनी, डॉ. भावना अग्रवाल, डॉ. धर्मेन्द्र यादव, डॉ, अर्जुन कुमार, डॉ. रवीन्द्र कुमार मिश्रा सहित समस्त कर्मचारी व छात्र-छात्राएं उपस्थित रहें. कार्यक्रम के अंत में औपचारिक धन्यवादज्ञापन डॉ. शैफाली सक्सेना, सहायक प्राध्यापिका, वनस्पति विज्ञान विभाग के द्वारा किया गया तथा कार्यक्रम का संचालन व संयोजन डॉ. भावना मासीवाल द्वारा किया गया साथ ही इस पांच दिवसीय शिक्षक पर्व कार्यक्रम की संक्षिप्त रूपरेखा को प्रस्तुत किया गया.