दिल्ली के हौजखास विलेज में लोकायता आर्ट गैलरी (Lokayata Art Gallery) में 4 और 5 मार्च को एक चित्रकला प्रदर्शनी आयोजित होने जा रही है, जिसमें पहाड़ के दूर—दराज गांवों से आए हुए 20 युवा नवोदित चित्रकार प्रदर्शनी के माध्यम से अपने हुनर का प्रदर्शन करेंगे. इस प्रदर्शनी का आयोजन ‘उद्यम’ नाम की एक सामाजिक संस्था के सहयोग से किया जा रहा है.
ज्योतिष
‘पहाड़ के रंग’ नाम से आयोजित चित्र प्रदर्शनी में
उत्तराखंड के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के अलग—अलग गांवों से आए हुए नवोदित चित्रकार इस प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे हैं. इस प्रदर्शनी में मुख्य भूमिका में उत्तराखंड के सीमांत जनपद उत्तरकाशी के मौंडा गांव के मशहूर चित्रकार जगमोहन बंगाणी हैं.ज्योतिष
जगमोहन बंगाणी ने पिछले एक साल में उत्तराखंड के अल्मोड़ा, ऋषिकेश और मुक्तेश्वर में चित्रकला की दस—दस दिवसीय कला कार्यशालाएं आयोजित की, उन्होंने उद्यम के सहयोग से अल्मोड़ा में 23 नवोदित चित्रकारों, ऋषिकेश में 17 और मुक्तेश्वर में 13 युवा चित्रकारों को पेंटिंग के गुर सीखाए. इन तीनो कला कार्यशालाओं में वहां के युवा चित्रकारों ने 100 से अधिक कलाकृतियों को कागज
और कैनवास पर उकेरा है जिसमें बेहतरीन कलाकृतियों के माध्यम से कलाकारों ने समाज को जागृत करने का काम किया. पहाड़ के उभरते चित्रकारों का पेंटिंग के प्रति रुझान बढ़े, वे सब अपने चित्रों के माध्यम से अपने आप को अभिव्यक्त कर पाएं, ये सभी युवा चित्रकार अपने आप को कला के जरिए पहाड़ के जन—जीवन, लोक संस्कृति, वहां का संघर्ष और जीवन विविधताओं को कला के माध्यम से खुद ही कनेक्ट करें. क्योंकि चित्रों के द्वारा कही गई कोई भी बात हमारे स्मृति पटल पर जल्दी अंकित होती है और कला एक ऐसा जरिया है जिसके द्वारा आप लोगों से सीधे जुड़ सकते हैं.ज्योतिष
बंगाणी कहते हैं कि जब आप मेहनत और लगन से कोई कार्य करते हैं तो, तो धीरे—धीरे अपने आपकी एक पहचान बनने लगती है, लोग आपके काम को पहचाने लगते हैं, वह आपको स्वीकारने लगते हैं.
वह यह भी स्वीकारते हैं हैं कि आप ऐसे ही बड़े कलाकार नहीं बन जाते, इसके पिछले एक लम्बी संघर्ष यात्रा होती है और उस सहयात्रा में आपके कई सहयात्री भी होते हैं. बकौल बंगाणी, आपको मशहूर करने में आपके घर-परिवार, पड़ोस, दोस्त, अग्रजों और शिक्षकों की अहम भूमिका होती है, इन्हीं छोटे-छोटे प्रयासों और अवसरों के माध्यमों से आपके कदम आगे बढ़ने में सहायक होते हैं.ज्योतिष
कौन हैं जगमोहन बंगाणी?
चित्रकला की दुनिया में जगमोहन बंगाणी एक सुपरिचित और प्रतिष्ठित नाम है. कैलीग्राफी और रंगों के अद्भुत समायोजन के कारण उसकी एक अलग पहचान है. उनके चित्रों में संगीत की लय और शब्दों की ध्वनि है.
वह स्वयं रंगों और शब्दों की दुनिया में जीने वाला कलाकार है. तभी तो वह कहता है कि ‘मैं रंगों से चित्रों की निर्मिति को निर्माण से ज्यादा एन्जॉय करता हूँ. जगमोहन ने कैलीग्राफी में अभिनव प्रयोग किए हैं. वह एक बेहतरीन आर्टिस्ट हैं जिसने मंत्रों को रंगों की दुनिया में उतारा है. वह हिंदी, संस्कृत, पंजाबी और अन्य भाषाओं के शब्दों के माध्यम से कला की एक नई दुनिया रच रहा है.ज्योतिष
उत्तराखंड का एक सुदूरवर्ती गाँव मौंडा, हिमाचल और उत्तराखंड के बॉर्डर पर स्थित है. जगमोहन इसी मौंडा गाँव से कला (आर्ट) का पीछा करते-करते देहरादून, दिल्ली होते हुए लंदन तक पहुँच जाता है. कला का स्वभाव
उसने हिमालय की छाँव से जाना तो उसके आयाम यूरोप भ्रमण के दौरान समझे. उसकी कला जड़ों की तरफ लौटने की द्योतक है. उसकी कला में सांस्कृतिक नाद अंतर्निहित है. इस नाद को आप उसकी पेंटिग्स को देखते हुए महसूस कर सकते हैं.ज्योतिष
(लेखक पाञ्चजन्य एवं Organiser पत्रिका के आर्ट डायरेक्टर हैं)