मृत्यु तक स्वयं से जूझती रही वह
त्याग: सत्य घटना पर आधारित कहानी
प्रभा पाण्डेय
आज से पन्द्रह-बीस साल पहले तक हमारे पहाड़ की महिलाओं की स्थिति बिल्कुल भी संतोषजनक नहीं थी क्योंकि मैंने अपने ही गांव में अनेक महिलाओं को इन परिस्थितियों की भेंट चढ़ते देखा. रामदेव नाम के एक व्यक्ति का सबसे बड़ा एक बेटा और चार छोटी बेटियां थी, बहुत कम पढ़ा-लिखा और स्वभाव से कुछ अहंकारी होने के because कारण रामदेव बेकार था. परन्तु समय ने उसे ऐसा सबक सिखाया कि उसने पण्डिताई का काम शुरू कर दिया.इस काम में उसे अधिकतर घर से बाहर रहना पड़ता. चारों तेज तर्रार बेटियां, तेज तर्रार माँ के साथ अपनी थोड़ी बहुत पुश्तैनी खेती के साथ-साथ दूसरों के खेतों में मजदूरी कर अपना गुजारा कर लेते थे जैसे-तैसे दो बड़ी बेटियों का विवाह भी हो गया.
ज्योतिष
एक दिन रामदेव का छोटा भाई अपने बच्चों व पत्नी सहित पुश्तैनी घर आ गया. वह भी भाबर क्षेत्र में रहकर पण्डिताई ...