Tag: सत्याग्रह

गांधी जी ने ‘भारतराष्ट्र’ को सांस्कृतिक पहचान दी

गांधी जी ने ‘भारतराष्ट्र’ को सांस्कृतिक पहचान दी

साहित्‍य-संस्कृति
गांधी जी का राष्ट्रवाद-3 डॉ. मोहन चंद तिवारी (दिल्ली विश्वविद्यालय के गांधी भवन में 'इंडिया ऑफ माय ड्रीम्स' पर आयोजित ग्यारह दिन (9जुलाई -19 जुलाई,2018 ) के समर स्कूल के अंतर्गत गांधी जी के राष्ट्रवाद और समाजवाद पर दिए गए मेरे व्याख्यान का तृतीय भाग, जिसमें वर्त्तमान परिप्रेक्ष्य में गांधी जी के 'राष्ट्रवाद' और उनकी स्वदेशी विचार पद्धति पर विचार किया गया है.) पर्यावरण बीसवीं शताब्दी की दो महत्त्वपूर्ण घटनाएं मानी जाती हैं. उनमें से एक घटना है परमाणु बम के प्रयोग द्वारा मानव सभ्यता के विनाश का प्रयास और दूसरी घटना है गांधी जी के द्वारा अहिंसा एवं so सत्याग्रह के शस्त्र से मानव कल्याण का विचार.निष्काम कर्मयोग और अनासक्ति भाव की श्रीमद्भगवद्गीता में जो शिक्षा दी गई है महात्मा गांधी ने उसी शिक्षा को अपने जीवन में उतार कर अहिंसा और सत्याग्रह के शस्त्र से एक ओर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का...
गांधी चिंतन ने ‘भारतराष्ट्र’ को सांस्कृतिक पहचान दी

गांधी चिंतन ने ‘भारतराष्ट्र’ को सांस्कृतिक पहचान दी

समसामयिक
151वीं गांधी जयंती पर विशेष  डॉ. मोहन चंद तिवारी आज 2 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की 151वीं जयंती becauseपूरे देश में राष्ट्रीय गौरव और स्वाभिमान की भावना से मनाई जा रही है. मोहनदास कर्मचंद गांधी 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर, गुजरात में पैदा हुए थे. भारत के स्वतंत्रता संग्राम में गांधी जी अमूल्य योगदान और अहिंसा के प्रति उनकी गहन आस्था के कारण उन्हें कश्मीर से कन्याकुमारी तक देश के अलग-अलग प्रान्तों में अत्यंत श्रद्धा और देशभक्ति की भावना से याद किया जाता है.  विश्व को सत्य और अहिंसा का सबसे ताकतवर हथियार देने वाले महात्मा गांधी का चिंतन और जीवन दर्शन न केवल भारत के लिए अपितु पूरी दुनिया के लिए आज भी प्रासंगिक हैं. गहन बीसवीं शताब्दी की दो महत्त्वपूर्ण घटनाएं मानी जाती हैं. उनमें से एक घटना है परमाणु बम के प्रयोग द्वारा मानव सभ्यता के विनाश का प्रयास और दूसरी घटना है गांधी ज...