Tag: रवांल्टा

रवांल्टों की एकजुटता के कायल हुए लोग, हरिद्वार में पेश कर रहे एकता की मिसाल

रवांल्टों की एकजुटता के कायल हुए लोग, हरिद्वार में पेश कर रहे एकता की मिसाल

हरिद्वार
प्रदीप रावत 'रवांल्टा' बाबा बौखनाग की अयोध्या यात्रा संपन्न हो चुकी है. इस यात्रा ने एक बार फिर साबित किया है कि रवांई घाटी के लोग अपने देवी-देवताओं देवताओं के प्रति कितने आस्थावान हैं. देवता की इच्छा भक्तों के लिए आदेश होती है. हाल ही में सम्पन्न हुई बाबा बौखनाग की यात्रा की बात करते हैं. बाबा बौखनाग की यात्रा में मुझे भी शामिल होने का मौका मिला. मैं आयोध्या तो नहीं गया, लेकिन देहरादून और हरिद्वार में बाबा का आशीर्वाद मुझे मिला. अयोध्या की यात्रा देव डोलियों में अब तक की सबसे ऐतिहासिक यात्रा साबित हुई है. बाबा बौखनाग ने आयोध्या में अपनी शक्ति का प्रदर्शन भी किया. उन लोगों को अपनी शक्तियों से परिचित करवाया, जो बाबा की डोली को साधारण डोली समझ रहे थे. बहरहाल...अब हरिद्वार की बात करते हैं. धर्मनगरी हरिद्वार का महत्व किसी को बताने की जरूरत नहीं है. यहां बताने के लिए जो जरूरी है, वह है- ...
आगम दत्त नौटियाल की पुस्तक ‘मैं और मेरे संस्मरण’ का लोकार्पण

आगम दत्त नौटियाल की पुस्तक ‘मैं और मेरे संस्मरण’ का लोकार्पण

देहरादून
देहरादून : देहरादून के एक होटल में लोक निर्माण विभाग से सेवानिवृत्त उत्तरकाशी जिले के गैर बनाल निवासी आगम दत्त नौटियाल की पुस्तक ‘मैं और मेरे संस्मरण’ का लोकार्पण कायक्रम सम्पन्न हुआ। लोकार्पण समारोह में ललित मोहन अमोली, विजेंद्र रावत, दिनेश रावत व शशि मोहन रवांल्टा अतिथियों के रूप में आमंत्रित थे। मुख्य वक्ता के रूप में पुस्तक पर प्रकाश डालते हुए साहित्यकार दिनेश रावत ने कहा कि सेवानिवृत्ति के पश्चाय यह समय और श्रम का सार्थक उपयोग है। लेखक द्वारा जीवन की तमाम खट्टी-मिट्ठी बातों और यादों को सरल शब्दों में जिस ईमानदारी के साथ अभिव्यक्त किया गया, वह प्रशंसनीय एवं अनुकरणीय है। पुस्तक में प्रकाशित संस्मरण संघर्ष से उत्कर्ष की कहानी ही बयां नहीं करते हैं, बल्कि उस समय की स्थिति व परिस्थिति से भी परिचित करवाते हैं। पुस्तक में प्रकाशित कई अंश प्रेरणा के नये पथ प्रशस्त करते हैं। इस दौरान वरिष्...
प्रसिद्ध साहित्यकार महावीर रवांल्टा ने विद्यार्थियों को सुनाई ये खास कहानी

प्रसिद्ध साहित्यकार महावीर रवांल्टा ने विद्यार्थियों को सुनाई ये खास कहानी

उत्तराखंड हलचल
गंगा पुस्तक परिक्रमा कार्यक्रम शुरू किया गया है। विद्यार्थियों को कहानियों के जरिए पानी का महत्व बताया जा रहा है। उत्तरकाशी: राष्ट्रीय पुस्तक न्यास और शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार की ओर से जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार के साथ साझेदारी में गंगा पुस्तक परिक्रमा कार्यक्रम शुरू किया गया है। इसके तहत विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में विद्यार्थियों को कहानियों के जरिए पानी का महत्व बताया जा रहा है। इसीके तहत काशी विश्वनाथ की नगरी उतरकाशी के श्री विश्वनाथ संस्कृत महाविद्यालय के सभागार में उपस्थित छात्रों के बीच प्रसिद्ध साहित्यकार महावीर रवांल्टा ने पानी तो है! का पाठ किया गया। राष्ट्रीय पुस्तक न्यास की ओर से मणिभूषण, मनीषा बिष्ट, सुशील कुमार के साथ ही महाविद्यालय के प्राचार्य जगदीश प्रसाद उनियाल, डॉ. अनिल बहुगुणा, लवलेश दुबे के साथ ही गंगा पर केन्द्रित चित्रकला प्रतियोगिता संपन्न कराने वाल...
अनोज सिंह ‘बनाली’ की रवांल्टी कविता संग्रह ‘दुई आखर’ का लोकार्पण

अनोज सिंह ‘बनाली’ की रवांल्टी कविता संग्रह ‘दुई आखर’ का लोकार्पण

उत्तरकाशी
हिमांतर ब्यूरो, बड़कोट, उत्तरकाशी रवांल्टी भाषा में कविता लेखन का सिलसिला निरंतर जारी है. इसी कढ़ी में अनोज सिंह 'बनाली' का हालिया प्रकाशित रवांल्टी कविता संग्रह 'दुई आखर' का लोकार्पण लब्ध प्रतिष्ठित साहित्यकार एवं उत्तराखण्ड भाषा संस्थान के सदस्य महावीर रवांल्टा के मुख्य आतिथ्य तथा सेवानिवृत्त अध्यापक एवं गहन अध्येता रूकम सिंह रावत व जिला सहकारी बैंक के पूर्व चेयरमैन जयेन्द्र सिंह रावत के विशिष्ट आतिथ्य में नगर पालिका परिषद् बड़कोट की अध्यक्ष अनुपमा रावत की अध्यक्षता में हिमांतर प्रकाशन के मुखिया शशिमोहन रावत 'रवांल्टा', शैलेश मटियानी पुस्कार से सम्मानित शिक्षक व 'पछ्याण' और  'रवांल्टी अखाण कोश' के लेखक ध्यान सिंह रावत 'ध्यानी', सामाजिक सक्रियता के लिए चर्चित असिता डोभाल व नरेश नौटियाल सहित सामाजिक एवं सा​हित्यिक—सांस्कृतिक गतिविधियों में सक्रियता निभाने वाले बलवंत सिंह पंवार (पूर्व प्र...