मूली की ‘थिचवानी’: एक स्वादिष्ट पहाड़ी व्यंजन
डॉ. मोहन चंद तिवारी
अपने गांव जोयूं जब भी जाता हूँ तो मूली की थिच्वानी मुझे बहुत पसंद है. हमारे पड़ोस के गांव मंचौर की मूली की तो बात ही और है. दिल्ली जब आता हूं तो पहाड़ की मूली लाना कभी नहीं भूलता. सर्दियों में तो यह मूली की थिच्वानी स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभकारी है. मूली तो मैदानों की भी बहुत लाभकारी है किंतु पहाड़ों की शलगमनुमा मूली की बात ही कुछ और है. इसमें हिमालय की वनौषधि के गुण समाविष्ट रहते हैं जो मैदानों में कैमिकल खाद से पैदा हुई मूली में नहीं मिलते.
हमारे इलाके मंचौर की मूली इस दृष्टि से भी बहुत प्रसिद्ध है कि वहां की ताजी-ताजी मूली मिलती बड़ी मुश्किल से है क्योंकि पैदा ही बहुत कम होती है.आज मैं अपने इस लेख द्वारा पहाड़ी मूली से बनने वाली सब्जी 'थिचवानी' पर कुछ जानकारी शेयर करना चाहुंगा.
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