Tag: पीएम मोदी

उत्तराखंड में चुनावी शंखनाद, जनता का हर वोट विकास के संकल्प को और सशक्त करेगा : पीएम मोदी

उत्तराखंड में चुनावी शंखनाद, जनता का हर वोट विकास के संकल्प को और सशक्त करेगा : पीएम मोदी

उधमसिंह नगर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनपद उधमसिंह नगर के रुद्रपुर में विजय शंखनाद रैली में प्रतिभाग कर उत्तराखंड में चुनावी शंखनाद किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शंख भेंट कर उनका स्वागत किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मां नंदा देवी, गोल्ज्यू देवता, मां राज राजेश्वरी एवं उत्तराखंड की धरती को नमन करते हुए बड़ी संख्या में आशीर्वाद देने आए लोगों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में ये उनकी पहली चुनावी सभा है। उन्होंने इसे प्रचार सभा नहीं विजय सभा बताया। उन्होंने उत्तराखंड की जनता की तपस्या का प्रतिफल, राज्य का विकास करके लौटाने का वादा किया। देवभूमि की जनता के आशीर्वाद को उन्होंने अपनी बड़ी पूंजी बताई। उन्होंने उधम सिंह नगर को मिनी इंडिया बताते हुए कहा कि जब भी वो उत्तराखंड की पवित्र धरती में आते हैं तो खुद को धन्य महसूस करते हैं। पीए...
मिलिए, उत्तराखंड के उस शख्स से जिनका पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ में लिया नाम

मिलिए, उत्तराखंड के उस शख्स से जिनका पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ में लिया नाम

बागेश्‍वर
ललित फुलारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 'मन की बात' कार्यक्रम में उत्तराखंड के बागेश्वर निवासी जगदीश कुन्याल के पर्यावरण संरक्षण और जल संकट से निजात दिलाने वाले because कार्यों की सराहना की. पीएम मोदी ने कहा कि उनका यह कार्य बहुत कुछ सीखाता है. उनका गांव और आसपास का क्षेत्र पानी की जरूरत को पूरा करने के लिए एक प्राकृतिक जल स्त्रोत पर निर्भर था. जो काफी साल पहले सूख गया था. so जिसकी वजह से पूरे इलाके में पानी का संकट गहरा गया. जगदीश ने इस संकट का हल वृक्षारोपण के जरिए करने की ठानी. उन्होंने गांव के लोगों के साथ मिलकर हजारों की संख्या में पेड़ लगाए और सूख चुका गधेरा फिर से पानी से भर गया. कौन हैं जगदीश कुन्याल दरअसल, जगदीश कुन्याल पर्यावरण प्रेमी हैं और उन्होंने अपनी निजी प्रयास से इलाके में हजारों की संख्या में वृक्षारोपण किया जिसकी वजह से सूख चुके पानी के गधेरे में जल bec...
जावेद साहब कंगना को घर बुलाकर हड़काना सहिष्णुता है क्या?

जावेद साहब कंगना को घर बुलाकर हड़काना सहिष्णुता है क्या?

सोशल-मीडिया
ललित फुलारा जावेद साहब पिछले छह साल से भड़क रहे हैं. कभी टीवी पर, तो कभी मंचों पर, लेकिन मुझे उनका यह भड़कना अभी तक इतना ख़राब नहीं लगता था, पर जब से कंगना पर भड़कने की ख़बर सुनी है, तब से जावेद साहब की बौद्धिकता और उदारता से रश्क होने लगा है. कथित गढ़ी गई असहिष्णुता पर भड़कते हुए पुरस्कार लौटाने वालों के पक्ष में गोलबंदी करने वाले जावेद साहब को देश के प्रधानमंत्री के हर भाव-भंगीमा, साक्षात्कार, ओबामा से दोस्ती और यहां तक की सोने के घंटों पर अजीब-सी शक्ल बनाते हुए भड़कते और उपहास उड़ाते हुए तो देखा था, लेकिन एक स्त्री को घर बुलाकर माफी मांगने के लिए उस पर भड़कते/ धमकाते हुए सुना, तो कलेजा गुस्से से भर उठा. इतना महान कवि और गीतकार एक स्त्री को अपने घर बुलाकर कैसे हड़का सकता है? माफी मांगने के लिए दबाव बनाने का प्रयास कर सकता है. यहां तक कहता है कि अगर कंगना ने राकेश रोशन और उनके परि...