Tag: त्रिवेंद्र सिंह रावत

उत्तराखंड के नव निर्वाचित सांसदों का भव्य अभिनन्दन समारोह, एकजुट हों हमारे लोग : त्रिवेंद्र सिंह रावत

उत्तराखंड के नव निर्वाचित सांसदों का भव्य अभिनन्दन समारोह, एकजुट हों हमारे लोग : त्रिवेंद्र सिंह रावत

दिल्ली-एनसीआर
सी एम पपनैं, दिल्ली आयोजित अभिनन्दन समारोह का श्रीगणेश उत्तराखंड की मातृशक्ति द्वारा प्रस्तुत मांगल गीत- दैणा होया बद्री केदारा हो… तथा उत्तराखंड के उपस्थित सांसदों के कर कमलों दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया. अध्यक्ष पर्वतीय लोक विकास समिति प्रोफेसर सूर्य प्रकाश सेमवाल द्वारा मंचासीन विशिष्ट अतिथियों में सुमार उत्तराखंड के लोकसभा व राज्यसभा सांसदों तथा सभागार में उपस्थित सभी प्रबुद्धजनों का स्वागत अभिनन्दन किया गया. आयोजक समिति पदाधिकारियों द्वारा उत्तराखंड के नवनिर्वाचित लोकसभा सांसदों अजय टम्टा, त्रिवेंद्र सिंह रावत, अजय भट्ट के साथ-साथ राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट, नरेश बंसल तथा कल्पना सैनी के साथ-साथ मंचासीन दुष्यंत कुमार गौतम, राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रभारी उत्तराखंड भाजपा को दुपट्टा ओढ़ा कर, पुष्प गुच्छ व स्मृति चिन्ह प्रदान कर स्वागत अभिनन्दन किया गया. नव निर्वाचित सांसद अभिनन्दन समार...
मोदी के डिजिटल इंडिया के ‘ब्रांड एंबेसडर’ बने टीएसआर

मोदी के डिजिटल इंडिया के ‘ब्रांड एंबेसडर’ बने टीएसआर

देहरादून
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नामांकन के लिए ऑनलाइन विकल्प चुन कर पेश की नजीर देहरादून। नामांकन कराने के लिए जाते हुए ना कोई शोर-शराबा, ना शक्ति प्रदर्शन और ना यातायात जाम करते हुए रोड शो, बल्कि हरिद्वार में भाजपा के चुनाव कार्यालय में बैठकर ऑनलाइन विकल्प से नामांकन कराकर पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा प्रत्याशी त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शुक्रवार को एक नजीर पेश कर दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया के नारे पर अमल करते हुए वह इस अभियान के 'ब्रांड एंबेसडर' साबित हुए। खास बात ये है कि इस विकल्प को चुनने का त्रिवेंद्र सिंह रावत ने खुद ही निर्णय लिया था। रावत का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वजह से डिजिटल क्रांति आ गई है। नामांकन के लिए यह विकल्प उन्होंने डिजिटल इंडिया के निर्णय से प्रभावित होकर चुना है। दरअसल, लोकसभा चुनाव में पहली बार भारत निर्वाचन आयोग ने प्रत...
सरकारों को वोट से प्रिय कुछ नहीं!

सरकारों को वोट से प्रिय कुछ नहीं!

देहरादून
सरकार का फिर एक फैसला वापस प्रकाश उप्रेती उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी सरकार ने देवस्थानम बोर्ड को भंग कर दिया है. देवस्थानम बोर्ड एक्ट मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार ने बनाया था. इस बोर्ड के तहत केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री because और यमुनोत्री से जुड़े 51 मंदिरों की देखरेख का प्रावधान था. इसके गठन से ही पुरोहित बोर्ड का विरोध कर रहे थे. उनका मानना था कि इस बोर्ड से मंदिरों के परंपरागत अधिकार खत्म हो जाएंगे. ज्योतिष इसी के चलते कुछ समय पहले केदारनाथ धाम में दर्शन करने गए त्रिवेंद्र रावत का पुरोहितों ने भारी विरोध किया था. because इस विरोध प्रदर्शन के कारण वे दर्शन भी नहीं कर पाए और बिना दर्शन के ही वापस लौट आए थे. जब से इस बोर्ड का गठन किया तब से ही पुरोहित इसका विरोध कर रहे थे और एक तरह से आंदोलनरत थे. ज्योतिष इस मामले के राजनैतिक प्रभाव को समझते और पुरोहितों के व...