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नवरात्रि: प्रत्येक रूप और प्रत्येक नाम में एक ही चेतना के उत्सर्ग की अनुभूति दुर्गा होना है

नवरात्रि: प्रत्येक रूप और प्रत्येक नाम में एक ही चेतना के उत्सर्ग की अनुभूति दुर्गा होना है

लोक पर्व-त्योहार
सुनीता भट्ट पैन्यूली शक्ति वह शस्त्र है जिससे स्वयं व दूसरों के कल्याण के लिए  समस्त विसंगतियों का समूल नाश किया जा सकता है. यह तय है कि जहां शक्ति का उपार्जन होता है वहीं आत्मविश्वास भी जन्म लेता है और आत्मविश्वास जब अनुशासित व सकारात्मक होता है, सफलता निश्चित ही उसका अनुगमन करती है.  ऐसी शक्ति जिसकी उपासना ब्रहमा, विष्णु, महेश करते हैं. जो  हमारे शरीर और मन का कायाकल्प करती है. जिसकी अराधना के द्वारा हमारे लिए  चेतना के मूल तक पहुंचना संभव होता है. ऐसी शक्ति जो व्रत और ध्यान के द्वारा हमारे ऊर्जा के स्तर को ऊपर उठाकर हमारे भीतर व्याप्त विसंगतियों का निर्मूलन करती है. ऐसी शक्ति जिसके संपूर्ण व्यक्तित्व की अभिव्यक्ति मानवता के आध्यात्मिक विकास और पराक्रम की वृद्धि के लिए अनुकरणीय है.ऐसी शक्ति जो धर्म की अधर्म पर,सत्य की असत्य पर, शारीरिक और मानसिक संतुलन बनाना सिखाती है.ऐसी शक्ति जो मानव...