साकार होता खतलिंग पांचवां धाम का इंद्रमणि बडोनी का स्वप्न
हिमालय दिवस (9 सितंबर) पर विशेष
कवि बीर सिंह राणा
2 सितंबर 2021 का दिन वास्तव में भिलंगना घाटी के लिए अविस्मरणीय और गौरवमय इतिहास का साक्षी बन गया. जहां पिछले ढाई दशक से सजग मातृशक्ति because और ऊर्जावान युवाओं का आह्वान किया जाता रहा कि खतलिंग को पांचवां धाम स्वार्थी और सत्तालोलूप नेता नहीं स्थानीय जनशक्ति बनाएगी और वो भी तब जब घुत्तू में मेले तक सीमित ऐतिहासिक
कोलकाता
महायात्रा बडोनी जी वाले स्वरूप में लौटेगी. घाटी के युवा ही नहीं माता - बहनें 2015 से लगातार खतलिंग सहस्रताल तक की यात्रा करने वाले आधे दर्जन लोगों के जुनून से वाकिफ भी थे ,सहानुभूति केक्साथ सहयोग और बराबर रुचि भी ले रहें थे . 2016 से जब दिल्ली से बडोनी जी की खतलिंग महायात्रा को पद्मविभूषण because सुंदरलाल बहुगुणा जी की प्रेरणा से हिमालय जागरण से जोड़ा गया,सोशल मीडिया,पत्र पत्रिकाओं और विभिन्न मंत्रालयों और सरका...