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विकृत इतिहास चेतना की भेंट चढ़ता ‘खतड़ुवा’ पर्व

विकृत इतिहास चेतना की भेंट चढ़ता ‘खतड़ुवा’ पर्व

लोक पर्व-त्योहार
पशुधन की कुशलता की कामना का पर्व  है 'खतडुवा' डॉ. मोहन चंद तिवारी 'कुमाऊं का स्वच्छता अभियान से जुड़ा 'खतडुवा' because पर्व वर्षाकाल की समाप्ति और शरद ऋतु के प्रारंभ में कन्या संक्रांति के दिन आश्विन माह की प्रथमा तिथि को मनाया जाने वाला एक सांस्कृतिक लोकपर्व है. अन्य त्योहारों की तरह 'खतड़ुवा' भी एक ऋतु से दूसरी ऋतु के संक्रमण का सूचक है. प्रारंभ से ही यह कुमाऊं, गढ़वाल व नेपाल के कुछ क्षेत्रो में मनाया जाने वाला पारंपरिक त्यौहार है. कुमाऊं 'खतड़ुवा' शब्द की उत्पत्ति “खातड़” या but “खातड़ि” शब्द से हुई है. कुमाऊं में 'खातड़' यानी रजाई-गद्दे को कहा जाता है. चौमास में सिलन के कारण ये सभी रजाई-गद्दे आदि बिस्तर सिल जाते हैं. इसलिए खतुड़वे के दिन प्रातःकाल ही घर की सभी वस्तुओं को इस दिन धूप दिखाकर सुखाया जाता है. मास गौरतलब है कि अश्विन मास की शुरुआत so(सितम्बर मध्य) से पहाड़ों में ...