कोरोना महामारी और हमारा हेल्थ सिस्टम
कमलेश चंद्र जोशी
कभी-कभी यूँ लगता है जैसे एक स्वप्न सा चल रहा है. जिसमें एक महामारी दुनिया भर में फैली है जिस वजह से लोग घरों में कैद है. ऐसा लगता है जैसे अभी सपना टूटेगा, आँख खुलेगी because और एक गहरी साँस भरते हुए दिल के किसी कोने से आवाज आएगी उफ़्फ क्या भयानक सपना था.
सपने
सपने में कई-कई बार तो यही होता है हमारे साथ कि हम खुद को बचाने के लिए छटपटा रहे होते हैं और आँख खुलते ही राहत महसूस करते हैं कि यह हकीकत नहीं है. becauseकाश कि यह महामारी सपना होती! लेकिन सपनों सी यह बीमारी जानलेवा हकीकत बन गई है जिस पर इंसान का बस नहीं चल रहा. हमारे पूरे सिस्टम की पोल इस बीमारी ने खोलकर रख दी है. साथ ही यह भी कि इंसानियत अभी मरी नहीं है. हजारों लोग हैं जो रात-दिन एक कर अपनी पूरी मदद लोगों तक पहुँचा रहे हैं.
सपने
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