जीवन सृजन में प्रेम का चेतन पक्ष…
नीलम पांडेय ‘नील’, देहरादून
प्यारे युवाओं!
ये जो कुछ लोग तुम्हारे लिए प्रेम कविताएं, गीत, किस्से, कहानियां लिखते हैं, जहां तुम्हें अपने लिए उनकी कोई चाहत दिखती है, ये सब तुमको बरगलाना भी हो सकता है. जरूरी नही ये प्रेम हो, हां ये प्रेम जैसा दिखता जरूर है, प्रेम जैसा महसूस जरूर होता है पर ये महज एक आकर्षण हो सकता है, तुम्हें पता होना चाहिए कि आकर्षण की उम्र बहुत छोटी होती है, वो कब तोड़ दे, टूट जाए और खत्म हो जाए कुछ नही पता.
तुम अगर किसी को प्रेम करो अथवा प्रेम गीत लिखो तो पहले धरती और आकाश की गहनता को देखो, जीवन सृजन के चेतन पक्ष को देखो, उसकी सकारात्मकता को देखो, खुद के होने को समझो, जीवन कितना अनमोल है इसे समझो, इसे बेवजह किसी पर खर्च मत करो. तुम चाहो तो जनचेतना लिखो, तुम अगर गीत सुनो तो जनचेतना को सुनो. इसलिए ध्यान रखना, जब तक तुम खुद से बेइंतहां प्रेम न करने लग जाओ, प्रकृति के कण...