Tag: Uttarakhand

देहरादून में 3 मई तक कर्फ्यू, समारोह स्थल पर 50 से ज्यादा लोग नहीं होंगे इकट्ठा

देहरादून में 3 मई तक कर्फ्यू, समारोह स्थल पर 50 से ज्यादा लोग नहीं होंगे इकट्ठा

देहरादून
शादी, विवाह समारोह से संबंधित व्यक्तियों की आवाजाही के लिए छूट, समारोह स्थल पर 50 से ज्यादा लोग इकट्ठा नहीं हो सकते हिमांतर ब्‍यूरो, देहरादून उत्तराखंड में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 4368 नए केस दर्ज किए गए हैं, जिनमें 1748 लोग ठीक हुए एवं 44 लोगों की मौत हो गई. राज्‍य में कोरोना के बढते संक्रमण से देहरादून जिला काफी प्रभावित हुआ है. रविवार को देहरादून में 1670 नए मरीज कोरोना पॉजिटिव पाएं गए हैं, जो प्रदेश में सबसे ज्यादा हैं. ऐसे में संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ने के लिए कर्फ्यू की घोषणा की गई है. जिले में नगर निगम ऋषिकेश, देहरादून और छावनी परिषद गढ़ीकैंट और क्लेमनटाउन के क्षेत्र में पूर्ण रूप से कोरोना कर्फ्यू रहेगा. यह कर्फ्यू 26 अप्रैल को शाम 7 बजे शुरू होकर 3 मई को सुबह 5 बजे तक रहेगा. उत्तरकाशी आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 के तहत मिली शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिलाधि...
रंजीत रावत का दावा: श्मशान में शराब से नहाते थे हरीश रावत, जीत के लिए तंत्र मंत्र का सहारा

रंजीत रावत का दावा: श्मशान में शराब से नहाते थे हरीश रावत, जीत के लिए तंत्र मंत्र का सहारा

देहरादून
हिमांतर ब्‍यूरो, दिल्‍ली उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज कांग्रेसी नेता हरीश रावत पर उनके क़रीबी सहयोगी रहे रंजीत रावत ने बेहद गंभीर और सनसनीखेज आरोप लगाए हैं. रंजीत रावत का दावा है कि so हरीश रावत चुनाव में जीत के लिए तंत्र मंत्र का सहारा लिया करते थे व श्मशान में शराब से स्नान करने से लेकर सुअर और बंदर कटवाने जैसी त्रांतिक क्रियाओं में लग गए थे. रंजीत रावत का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह कहते हुए सुने जा रहे हैं कि उनके और हरीश रावत के बीच अलगाव की वजह पूर्व सीएम का चुनाव में जीत के लिए तांत्रिक क्रियाओं में लिप्त रहना है. हरीश रावत डरा क्या कहा रंजीत रावत ने? रंजीत रावत का कहना है, 'मैंने उनके सहयोगी के तौर पर 35 साल काम किया. वह जब सूबे के मुख्यमंत्री रहे तब मुझे जो काम सौंपे गए, मैंने उनको पूरा करने का प्रयत्न किया. so जहां तक रही बात अलग होने की तो जब मैंने उन...
सतत पर्यटन विकास के लिए जुटे लोग  

सतत पर्यटन विकास के लिए जुटे लोग  

पर्यटन
हिमांतर ब्‍यूरो, उत्तरकाशी सतत पर्यटन विकास (Sustainable Tourism Development), साहसिक और सुरक्षित पर्यटन स्थल कैसा हो,  इसको लेकर मोरी में स्थानीय लोगों के द्वारा एक सभा का आयोजन किया गया, जिसमें क्षेत्र के स्थायी पर्यटन विकास को लेकर चर्चा की गई. पर्यटन को सुगम because और सरल बनाने के लिए निरंतर प्रयास जारी हैं. बैठक में क्षेत्र के सभी जनप्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया. इसमें इस बात पर जोर दिया गया कि क्षेत्र में पर्यटन के so लिए प्राथमिक परिवहन, स्थानीय परिवहन, आवास, मनोरंजन, खान—पान का विशेष ध्यान रखा जाएगा, साथ ही कूड़ा निस्तारण के समुचित प्रबंधन को लेकर भी विचार—विमर्श किया गया. इसके लिए सभी ने एक स्वर में यमुना घाटी में रिसाइक्लिंग प्लांट लगाने की आवश्यकता पर जोर दिया. पर्यटन क्षेत्र के सभी टूर ऑपरेटर, ट्रैकिंग but एजेंसियों के द्वारा सुव्यवस्थित पर्यटन की कल्पना की गई, जिसमें फ...
गावों में भाईचारे की मिसाल हैं परम्परागत घराट  

गावों में भाईचारे की मिसाल हैं परम्परागत घराट  

साहित्‍य-संस्कृति
 आशिता डोभाल पहाड़ की चक्की, शुद्धता और आपसी भाईचारे की मिसाल कायम करने वाली ये चक्की शायद ही अब कहीं देखने को मिलती होगी, गुजरे जमाने में जीवन जीने का यह because मुख्‍य आधार हुआ करती थी. पहाड़ में मानव सभ्यता के विकास की ये तकनीक सबसे प्राचीन है. यहां की जीवन शैली में इसे आम भाषा में घराट (Gharat) या घट्ट कहा जाता है और हिंदी में पनचक्‍की यानी पानी से चलने वाली चक्की. but ये पूर्ण रूप से हमारे चारों ओर के पर्यावरण के अनुकूल होते थे, इसका निर्माण हमारे बुजुर्गों  ने अपनी सुविधा के अनुसार किया है, जिस जगह पानी की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता रही, वहीं इसका निर्माण किया, खासकर नदी या सदाबहार गाढ़ गदेरे में इसका निर्माण हुआ है. एक समय वह भी था जब हर गांव का अपना एक घराट होता हुआ करता था, चाहे वो किसी एक व्यक्तिगत परिवार so का रहा हो, पूरे गांव के लोग उसी घराट में अपना गेहूं, जौ, मक्...
पहाड़ पर बस में बैठने की ख्वाहिश…

पहाड़ पर बस में बैठने की ख्वाहिश…

साहित्‍य-संस्कृति
फकीरा सिंह चौहान ‘स्नेही’ शहरों में बस के विषय में कई बार मैंने अपने पापा से सुना था, कि बस एक घर की तरह होती है. उसमें 40- 50 लोग एक साथ मिलकर बैठते हैं. उसके अंदर खिड़कियां भी होती हैं because जिससे बाहर का नजारा आसानी से देख सकते हैं. नदी के उस पार दूर पहाड़ की धार becauseपर खींची गई एक पतली-सी रेखा जिसे लोग सड़क कहते थे. सड़क पर चलने वाली मोटर मकड़ी की तरह सरकती नजर आती थी . नजर जब भी बुजुर्ग बस या मोटर की बात करते थे, मैं बड़े  उत्सुकता और ध्यान से सुनता था. मुझे नजदीक से सड़क और मोटर देखने का सौभाग्य प्राप्त नहीं हुआ था. अचानक एक दिन गांव के पंच आंगन में मीटिंग का आयोजन हुआ सभी बुजुर्गों ने उस मीटिंग में भाग लिया. मैं भी चुपके से एक दीवार की ओड लेकर आंगन के पीछे ही छुप छुप कर because मीटिंग में होने वाली बातों की चर्चा को सुनने लगा. गांव वाले सड़क के विषय में बात कर रहे थे. गां...
नारी संवेदनाओं का हृदयस्पर्शी स्वर गोपाल बाबू गोस्वामी

नारी संवेदनाओं का हृदयस्पर्शी स्वर गोपाल बाबू गोस्वामी

अल्‍मोड़ा
जन्मदिवस (2 फरवरी ) पर विशेष डॉ. मोहन चंद तिवारी आज 2 फरवरी उत्तराखंड सुर सम्राट स्वर्गीय गोपाल बाबू गोस्वामी का जन्म दिवस है. यह जानकर हर्ष हो रहा है कि उनके पुत्र रमेश बाबू गोस्वामी द्वारा चौखुटिया स्थित because चांदीखेत,वैराठेश्वर में गोस्वामी जी की 79वीं जन्म जयंती बडे धूमधाम से मनाई जा रही है. इस अवसर पर विभिन्न स्थानों से लोक कलाकार इस समारोह में उपस्थित हो कर गोस्वामी जी के कलात्मक योगदान को पुनः ताजा करेंगे. इस अवसर पर गोस्वामी परिवार को भजन सम्राट अनूप जलोटा ने बधाई देते हुए एक वीडियो संदेश भेजा है,जिसमें उन्होंने उत्तराखंड के स्वर सम्राट गोपाल बाबू गोस्वामी को याद करते हुए उनके परिवार को कार्यक्रम की शुभकामनाएं दी हैं. प्रत्येक वर्ष दो फरवरी को गोस्वामी परिवार के परिजन स्वर्गीय गोपाल बाबू गोस्वामी का जन्म उत्सव पैतृक गांव चांदीखेत में बड़े धूमधाम से मनाता है. चौखुटिया ...
किसान आंदोलन में फ्री में दाड़ी बनाने और बाल काटने वाले उत्तराखंड के एक शख्स की कहानी

किसान आंदोलन में फ्री में दाड़ी बनाने और बाल काटने वाले उत्तराखंड के एक शख्स की कहानी

सोशल-मीडिया
जो कंटेंट अच्छा होता है और जिसमें मानवीय भावनाएं, संवेदनाएं और सौहार्द के संदेश की सीख होती है, उसे वायरल होने में वक्त नहीं लगता। पिछले दिनों ऐसे ही एक वीडियो पर नज़र गई, जिसकी ऑर्गेनिक रीच 1 मिलियन से ज्यादा हो चुकी है और 5 हजार से ज्यादा टिप्पणियां और 15 हजार से ज्यादा लाइक आ चुके हैं। यह वीडियो है उत्तराखंड के एक ऐसे शख्स की कहानी का जो कि किसान आंदोलन में आंदोलनरत किसानों के फ्री में बाल काट रहा है और दाड़ी बना रहा है। इस श़ख्स की कहानी से पहले इस वीडियो को बनाने वाले पत्रकार आशुतोष पांडे की जुंबानी ' 'शौक़-ए-दीदार अगर है, तो नज़र पैदा कर'। मैं जब किसान आंदोलन में गया, तो वहां मंच माला और माइक के माध्यम से किसान नेता अपनी आवाज़ बुलंद कर रहे थे। कहीं कुश्ती चल रही थी, तो कहीं मोदी विरोधी नारे लग रहे थे। इन सबके बीच मुझे एक शख्स दिखा, जिसका नाम शहनवाज था। जो एक कुर्सी रखकर आंदोलनकारी...
विश्वजीत नेगी अध्यक्ष व आशुतोष डिमरी चुने गए महासचिव

विश्वजीत नेगी अध्यक्ष व आशुतोष डिमरी चुने गए महासचिव

देहरादून
स्टेट प्रेस क्लब उत्तराखंड के वार्षिक चुनाव संपन्न हिमांतर ब्‍यूरो, देहरादून स्टेट प्रेस क्लब उत्तराखंड के वार्षिक चुनाव में एक बार फिर सर्वसम्मति से निर्विरोध विश्वजीत नेगी को अध्यक्ष व आशुतोष डिमरी को महासचिव चुना गया. देहरादून स्थित बीजापुर राज्य अतिथि गृह में संपन्न हुए स्टेट प्रेस क्लब उत्तराखंड के वार्षिक चुनाव में उत्तराखंड के 13 जिलों के प्रेस क्लब से जुड़े प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. निर्विरोध रूप से संपन्न हुए इस चुनाव में एक बार फिर से अध्यक्ष पद पर विश्वजीत नेगी व महासचिव पद पर आशुतोष डिमरी की ताजपोशी की गई. चिंतामणि स्टेट प्रेस क्लब उत्तराखंड के उपाध्यक्ष पद पर गढ़वाल से गोविंद बिष्ट, कुमाऊं से राजकुमार फुटेला, सचिव पद पर सुनील थपलियाल उत्तरकाशी, देवेंद्र रावत चमोली, चंद्रशेखर जोशी देहरादून, गौरव गुप्ता नैनीताल, अरविंद मलिक हल्द्वानी, व विक्रम श्रीवास्तव को विशेष ...
उत्तराखण्ड में कोविड 19 एकेडमी का शुभारंभ

उत्तराखण्ड में कोविड 19 एकेडमी का शुभारंभ

देहरादून
वर्चुअल क्लास के माध्यम से ऑनलाइन दिया जाएगा प्रशिक्षण सामाजिक संगठनों के इंटर एजेन्सी ग्रुप उत्तराखण्ड, स्फेयर एकेडमी और उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण संयुक्त रूप से संचालित करेंगे कोरोना कोविड से बचाव के पाठ्यक्रम हिमांतर ब्‍यूरो, देहरादून उत्तराखण्ड उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, स्फेयर एकेडमी एवं आई.ए.जी. के संयुक्त तत्वाधान में आज उत्तराखण्ड सचिवालय में कोविड 19 but एकेडमी का शुभारंभ किया गया. राज्य के सचिव आपदा प्रबंधन श्री एस.ए. मुरूगेशन ने वर्चुअल माध्यम से ऑनलाइन कोविड एकेडमी का लोकार्पण किया. so श्री मुरूगेशन ने सभी प्रतिभागियों का आह्वान करते हुए कहा कि आज के कोविड-19 के इस दौर में कोरोना के प्रति व्यापक जन जागरूकता और कोविड एपरोप्रिएट बिहेवियर को जरूर अपनायें. समाज समाज के अति because आवश्यकता वाले निर्धन, सबसे संवेदनशील और जोखिम वाले जनस...
पगडंडी

पगडंडी

संस्मरण
वो बचपन की सारी यादें… दीपशिखा गुसाईं ‘दीप’ आज फिर उसी पगडण्डी से होते हुए चलती हुई उन यादों में खो जाती हूँ, अपने गांव और गांव के नीचे बहती अलकनंदा की कलरव करती मधुर आवाज, सामने वही मेरा दृढ पहाड़, वही मेरे गांव के सरसों के खेत मानों मेरे आने पर पीली ओढ़नी ओढ़े बसंत संग मेरे आने के स्वागत में दोनों हाथों को फैलाये हो… इस बार फिर वही अहसास साथ "दी" का सारी यादें ताजा कर गई… वो बचपन की सारी यादें. बचपन उन दिनों सुबहें कितनी जल्दी हुआ करतीं थीं, शामें भी कुछ जल्दी घिर आया करती थीं तब... फूलों की महक भीनी हुआ करती थी और तितलियाँ रंगीन, और इन्द्रधनुष के रंग थोड़े चमकीले, थोड़े गीले हुआ करते थे, आँखों में तैरते ख़्वाब, सुबह होते ही चीं-चीं करती गौरैया छत पर आ जाया करतीं थीं दाना चुगने, उस प्यारी सी आवाज़ से जब नींदें टूटा करती थीं तो बरबस ही एक मुस्कुराहट तैर जाया करती थी होंठों पर.....