‘देवोत्थान’ एकादशी देवों के जागने का पर्व
ऋतुविज्ञान का भी पर्व
डॉ. मोहन चंद तिवारी
"उत्तिष्ठोत्तिष्ठ गोविंद त्यज निद्रां जगत्पते.
त्वयि सुप्ते जगन्नाथ जगत सुप्तं भवेदिदम्."
अर्थात् हे गोविंद, निद्रा को छोड़कर जागिए. प्रभो! यदि because आप ही सोए रहेंगे, तो इस संसार को कौन जगाएगा? यह संसार भी सोया ही रहेगा.
सरकारी
आज 25 नवंबर 2020, को कार्तिक so मास शुक्ल पक्ष की 'देवोत्थान' एकादशी है.आज के दिन श्रीहरि भगवान् विष्णु चतुर्मास की निद्रा से जागते हैं. पौराणिक मान्यता के अनुसार,भगवान् विष्णु साल के चार माह शेषनाग की शैय्या पर सोने के लिये क्षीरसागर में शयन करने चले जाते हैं तथा कार्तिक शुक्ल एकादशी को वे उठ जाते हैं. इसलिए इसे देवोत्थान, देवउठनी या देवप्रबोधिनी एकादशी कहा जाता है. इस दिन से ही सनातन हिन्दू धर्म में विवाह आदि मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं.
एकादशी
'देवोत्थान' but एकादशी के दिन ही भगवान् विष्णु के स्व...