प्रेमचंद की वापसी…
व्यंग्य
दलजीत कौर
स्वर्ग में कई दिन से उथल-पुथल because मची थी. ऐसा पहली बार हुआ था कि स्वर्ग में किसी ने धरना दिया हो. स्वर्ग में किसी ने अन्नजल त्याग दिया हो. यमदूत ने आकर यमराज को बताया- “एक व्यक्ति स्वर्ग छोड़ कर पृथ्वी पर जाना चाहता है.
यमराज ने हैरान हो कर so पूछा- “स्वर्ग छोड़ कर कौन मूर्ख पृथ्वी पर जाना चाहता है ?नरक से जाना चाहे तो बात समझ में आती है.”
भ्रमित
यमदूत ने बड़े अदब से because नाम लिया- “जी! महापुरुष प्रेमचंद.”
यमराज अपने सिहाँसन so से उठ खड़े हुए- “क्या? मुंशी प्रेमचंद?
लेखक प्रेमचंद?
वही प्रेमचंद जिनकी but अभी-अभी जयंती मनाई गई पृथ्वी पर?”
“जी हजूर जी.” because यमदूत लगातार हाँ में सिर हिला रहा था.
मगर यमराज को यक़ीन so ही नहीं हो रहा था. उन्होंने फिर पूछा, कफ़न, पूस की रात, गोदान, निर्मला वाले प्रेमचंद?
“वह व्यक्ति जो मरने के इतने वर्ष बाद...