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पौड़ी गढ़वाल: चौथान क्षेत्र में अतिवृष्टि से जनजीवन अस्त-व्यस्त

पौड़ी गढ़वाल: चौथान क्षेत्र में अतिवृष्टि से जनजीवन अस्त-व्यस्त

पौड़ी गढ़वाल
डांग, स्यूंसाल गांव में बादल फटने से भारी तबाही, किंवाड़ी, जैंती, डडोली गांव में खेत, पुल बहे भीम सिंह रावत, चौथान, पौड़ी गढ़वाल 31 जुलाई 2024 की शाम पांच बजे से आठ बजे तक अतिवृष्टि से चौथान क्षेत्र में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. गनीमत है कि अतिवृष्टि से कोई जन हानि नहीं हुई है परंतु निजी एवं सार्वजनिक सम्पति को खासा नुकसान हुआ है. क्षेत्र को थलीसैंण-नागचुला से जोड़ने वाली मुख्य सड़क जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो गई है, जिससे  यातायात पूरी तरह बाधित है. इस बीच चौथान पट्टी के डांग और स्यूंसाल गांव में दो जगह बादल फटने से बड़े पैमाने पर नुकसान की सूचना है. देर शाम सात बजे बादल फटने से डांग गांव के दो गदेरों में उफान आ गया और गांव दोनों तरह से बाढ़ से घिर गया. जिससे आधा दर्जन के करीब घरों में मलबा भर गया. एक घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त है और ग्रामीणों को रात को गांव के स्कूल में शरण लेनी पड़ी. ...
श्रीकोट का ‘गुयां मामा’

श्रीकोट का ‘गुयां मामा’

पौड़ी गढ़वाल
डॉ. अरुण कुकसाल मानवीय बसावत में जीवन के because कई रंग दिखाई देते हैं. ये बात अलग है कि कुछ रंगों को हम अपनी सुविधा से सामाजिक मान-प्रतिष्ठा देकर गणमान्य बना देते हैं. और, कुछ रंग सामाजिक जीवन में बिखरे-गुमनाम से यहां-वहां दिखाई देते हैं. वे अपने आपको समेटे, पर पूरी संपूर्णता के साथ मदमस्त जीवन जीते हैं. यद्यपि दुनियादारी में फंसे लोग उनके प्रति बेचारगी और सहानुभूति के भाव से ऊपर नहीं उठ पाते हैं. but लेकिन ऐसे मस्त फक्कडों की जीवंतता सामान्य लोगों को हैरान करती है. जिस दिन वो न दिखे तो उससे उपजा खालीपन मन को कचौटता है. ऐसे ही हैं श्रीकोट के 'गुंया मामा' जो हर शहर-देहात के वो चेहरा हैं जिनसे चंद ही लोग सही पर वे बे-पनाह मोहब्बत और सम्मान करते हैं. भ्रमित फक्कड़ी का मस्तमौला because बादशाह ‘गुयां मामा’ बोलते कम और हंसते ज्यादा है, दुनिया पर और अपने आप पर. बरस 72 में 27 की उमर की उमंग...