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बुझ गई पहाड़ पर लालटेन…

बुझ गई पहाड़ पर लालटेन…

स्मृति-शेष
अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि : प्रसिद्ध कवि और लेखक मंगलेश डबराल का निधन   चारु तिवारी बहुत विचलित करने वाली खबर आ रही है. हमारे अग्रज, प्रिय कवि, जनसरोकारों के लिये प्रतिबद्ध मंगलेश डबराल जी जिंदगी की जंग हार गये हैं. पिछले दिनों वे बीमार हुये तो लगातार हालत बिगड़ती गई. बीच में थोड़ा उम्मीद बढ़ी थी लेकिन आज ऐसी खबर मिली जिसे हम सुनना नहीं चाहते. उनका निधन हम सबके लिये आघात है. मंगलेश डबराल जी को विनम्र श्रद्धांजलि. बीमार यह 1998 की बात है. वे मुझे अचानक भरी बस में मिल गये. नोएडा से दिल्ली आते वक्त. उन दिनों शाहदरा से नोएडा के लिये एक बस लगती थी. इसे शायद एक नंबर बस कहते थे. यह हमेशा खचाखच भरी रहती थी. पांव रखने की जगह नहीं होती. शाम के समय तो बिल्कुल नहीं. मैं जहां से बस लगती थी, वहीं से बैठ गया था. दो-तीन स्टॉप के बाद वो भी बस में चढ़े. मेरी सीट के बगल में लोगों से पिसकर खड़े हो गय...