लाचार कौन? न डीएम काम आया और न सांसद ने फोन उठाया….बहादुर राम एंबुलेंस के अभाव में मर गया
हिमांतर ब्यूरो, पिथौरागढ़
बहादुर राम अब इस दुनिया में नहीं हैं. उनके भतीजे किशोर ने चाचा को बचाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया, लेकिन चाचा ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया. न डीएम काम आया so और न ही सांसद ने फोन उठाया, जिन अधिकारियों ने फोन उठाया बस अपनी लाचारी सुना डाली. ऐसा हाल है उत्तराखंड के पिथौरागढ़ (Pithoragarh) जिला अस्पताल का, जहां ब्रेन हेमरे बज मरीज को ले जाने के so लिए सरकारी एंबुलेंस तक नहीं मिली. ऐसे में बहादुर राम तो मर गया, लेकिन स्वास्थ्य सेवाओं की इस लाचारी पर कई सवाल खड़े कर गया. जिस जिला अस्पताल में एंबुलेंस न हो, इलाज के लिए डॉक्टर न हो, जिस जिले का जिलाधिकारी मुसीबत के वक्त फोन न उठाये... वह जिला फिर राम भरोसे ही है..सांसद और प्रशासन के नहीं...
पिथौरागढ़
बहादुर राम को पिथौरागढ़ से हल्द्वानी ले जाने के लिए एंबुलेंस (Ambulance) नहीं मिली. उनके भतीजे किशोर ...