Tag: Manju kala

आखिर क्या है “हिमालयन अरोमा”!

आखिर क्या है “हिमालयन अरोमा”!

सेहत
हिमांतर.कॉम (himantar.com) पर ‘हिमालयन अरोमा’ नामक एक पूरी सीरिज जल्द ही… भारत एक विविध देश है because और कई संस्कृतियों, धर्मों और व्यंजनों का घर है. भारत के विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्ध हर व्यंजन एक दूसरे से अलग है और इसकी अलग-अलग विशेषताएं हैं. भारतीय व्यंजनों में से प्रत्येक को वर्षों से सावधानीपूर्वक विकसित किया गया है और रसोइयों के स्थान और इलाके सहित कई कारक भोजन की विशिष्टता और विशिष्टता को दर्शाते हैं. ज्योतिष इसका सबसे अच्छा उदाहरण because 'हिमालयी' व्यंजन है. यदि हम हिमाचल प्रदेश के अत्यंत गंभीर और चरम मौसम को ध्यान में रखते हैं, तो हम समझ सकते हैं कि 'हिमालयी' व्यंजन कितने अलग हैं और कितने खास हैं. यहां सबसे लोकप्रिय लेकिन व्यापक रूप से मनाए जाने वाले 'हिमालयी' व्यंजनों के बारे में कुछ प्रसिद्ध तथ्य हैं. ज्योतिष क्या आपने कभी हिमालयन भोजन का स्वाद चखा है और सोचा है...
पायलों की कथा…

पायलों की कथा…

ट्रैवलॉग
मंजू काला मूलतः उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल से ताल्लुक रखती हैं. इनका बचपन प्रकृति के आंगन में गुजरा. पिता और पति दोनों महकमा-ए-जंगलात से जुड़े होने के कारण, पेड़—पौधों, पशु—पक्षियों में आपकी गहन रूची है. आप हिंदी एवं अंग्रेजी दोनों भाषाओं में लेखन करती हैं. so आप ओडिसी की नृतयांगना होने के साथ रेडियो-टेलीविजन की वार्ताकार भी हैं. लोकगंगा पत्रिका की संयुक्त संपादक होने के साथ—साथ आप फूड ब्लागर, बर्ड लोरर, टी-टेलर, बच्चों की स्टोरी टेलर, ट्रेकर भी हैं.  नेचर फोटोग्राफी में आपकी खासी दिलचस्‍पी और उस दायित्व को बखूबी निभा रही हैं. आपका लेखन मुख्‍यत: भारत की संस्कृति, कला, खान-पान, लोकगाथाओं, रिति-रिवाजों पर केंद्रित है. इनकी लेखक की विभिन्न विधाओं को हम हिमांतर के माध्यम से 'मंजू दिल से...' नामक एक पूरी सीरिज अपने पाठकों तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं. पेश है मंजू दिल से... की 9वीं किस्त... ...