Tag: Indian Army

उत्तरकाशी: सेना के एडवेंचर दल का कीर्ति इंटर कॉलेज में भव्य स्वागत

उत्तरकाशी: सेना के एडवेंचर दल का कीर्ति इंटर कॉलेज में भव्य स्वागत

उत्तरकाशी
उत्तरकाशी: भारतीय सेना के 288 मीडियम आर्टिलरी रेजीमेंट रुड़की के 20 सदस्य हिमालय माउंटेन बाइकर्स एडवेंचर दल, स्वच्छ भारत अभियान, ज्वाइन इंडियन आर्मी और अग्नि स्कीम के प्रति छात्र छात्राओं को जागरूक करने और उतराखण्ड की सीमावर्ती क्षेत्रों में जाकर अभियान को सफल बनाने के संकल्प के साथ गंगोत्री से राजकीय कीर्ति इण्टरमीडिएट कालेज उतरकाशी आगमन पर कालेज के प्रधानाचार्य श्री विजेन्द्र सिंह राणा, एनसीसी ऑफिसर कैप्टन लोकेन्द्र पाल सिंह परमार, एस ओ प्रभाकर सेमवाल के  साथ विद्यालय के सभी शिक्षकों व एनसीसी कैडेट्स और छात्रों के द्वारा एडवेंचर टीम का बड़े हर्ष के साथ स्वागत किया गया. सेना के इस 20 सदस्य एडवेंचर दल में टीम लीडर मेजर एच के सोनिक, लेफ्टिनेंट अभिजीत नायर, नायब सूबेदार रंजीत सिंह , हवलदार भंवर सिंह, हवलदार बालिस्टर कुमार सहित सैनिक स्कूल घोड़ाखाल के तीन कैडेट्स भी हैं. मेजर सोनिक ने छात्र...
वैश्विक तथा आर्थिक दबावो ने तैयार किया ‘अग्निपथ’!

वैश्विक तथा आर्थिक दबावो ने तैयार किया ‘अग्निपथ’!

देश—विदेश
प्रमोद साह यद्यपि विश्व में साम्राज्य के विस्तार का because इतिहास, मजबूत सेनाओं के इतिहास से जुडा़ रहा है. सेनाओं की मजबूती हमेशा उनके आर्थिक तथा सामाजिक हितों की सुरक्षा से ही प्राप्त होती रही हैं. माना जाता है कि अक्कादियन साम्राज्य के संस्थापक  अक्कड़ के सरगोन  ने पहली स्थायी पेशेवर सेना बनाई थी. असीरिया के तिग्लाथ -पिलेसर III (शासनकाल 745-727 ईसा पूर्व) ने पहली असीरिया की स्थायी सेना बनाई. ज्योतिष हालांकि उनके राज्य में भी अस्थाई और ठेके की सेना भी थी, लेकिन आर्थिक सुरक्षा ने स्थाई सेना की क्षमता को परिष्कृत किया. भारत में घननंद ने स्थाई सेना रखने की परंपरा प्रारंभ की उसकी सेना एक लाख से अधिक थी. becauseजब चंद्रगुप्त मौर्य ने साम्राज्य की स्थापना की तो चाणक्य ने सबसे पहले स्थाई और विश्वसनीय सेना पर जोर दिया, तब मौर्य वंश की सेना की संख्या 6लाख से अधिक हो गई थी .जिसने पूरे हिंदुस्ता...
सुदूर गाँव के लड़के का सेना में अफ़सर बनने का सफ़र

सुदूर गाँव के लड़के का सेना में अफ़सर बनने का सफ़र

चम्‍पावत
कमलेश चंद्र जोशी उत्तराखंड के युवा हमेशा से ही भारतीय सेना में अपनी सेवाएँ दिये जाने के लिए जाने जाते रहे हैं. खासकर गरीब व मध्यम परिवारों के बच्चे जब अपनी ऑफिसर because ट्रेनिंग पूरी करने के बाद सेना की पासिंग आउट परेड से गुजरते हैं तो वह क्षण न सिर्फ देश व राज्य के लिए गौरव का पल होता है बल्कि उन अफसरों के माता-पिता के लिए जिंदगी बदलने वाला सबसे अनमोल पल भी होता है जिनके लिए सेना में अफसर होना एक तरह का स्वप्न जैसा है. हर वर्ष ‘इंडियन मिलिट्री अकादमी’ (IMA) से ऐसे सैकड़ों ऑफ़िसर because निकलते हैं जो राष्ट्र की सेवा के लिए ट्रेनिंग ले रहे होते हैं. पासिंग आउट परेड इस वर्ष की पासिंग आउट परेड के बाद देश को 341 जाबांज अफसर मिले हैं जिनमें से 37 उत्तराखंड राज्य से ही हैं. ऑफिसर बनने के इस सफर का सबका अपना-अपना संघर्ष व दुश्वारियाँ होती हैं because लेकिन जब कोई बच्चा उत्तराखंड के किसी जि...
पैंगोंग झील से कदम पीछे हटाने को मजबूर हुआ चीन

पैंगोंग झील से कदम पीछे हटाने को मजबूर हुआ चीन

समसामयिक
वाई एस बिष्ट, नई दिल्ली रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज राज्यसभा में पूर्वी लद्दाख के मौजूदा हालात की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि पैंगोंग झील इलाके में चीन के साथ पीछे हटने को लेकर समझौता हो गया है. पिछले 8 महीने से ज्यादा समय से भारत और चीन की सेनाएं आमने सामने हैं. राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं सदन को यह भी बताना चाहता हूं कि भारत ने चीन को हमेशा यह कहा है कि द्विपक्षीय संबंध दोनों पक्षों के प्रयास से ही विकसित हो सकते हैं, साथ ही सीमा के प्रश्न को भी बातचीत के जरिए हल किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांति में किसी प्रकार की प्रतिकूल स्थिति का हमारे द्विपक्षीय संबंधों पर बुरा असर पड़ता है. कई उच्च स्तरीय संयुक्त बयानों में भी यह जिक्र किया गया है कि एलएसी तथा सीमाओं पर शांति कायम रखना द्विपक्षीय संबंधों के लिए अत्यंत आवश्यक है. पिछले वर्ष मैंने इस सदन क...