Tag: Hydrologist of Uttarakhand

संकट में है उत्तराखण्ड जलप्रबन्धन के पारम्परिक जलस्रोतों का अस्तित्व

संकट में है उत्तराखण्ड जलप्रबन्धन के पारम्परिक जलस्रोतों का अस्तित्व

जल-विज्ञान
भारत की जल संस्कृति-33 डॉ. मोहन चंद तिवारी उत्तराखण्ड में जल-प्रबन्धन-4 उत्तराखंड के जल वैज्ञानिक डॉ. ए.एस. रावत तथा रितेश शाह ने ‘इन्डियन जर्नल ऑफ ट्रेडिशनल नौलिज’ (भाग 8 (2‚ अप्रैल 2009, पृ. 249-254) में प्रकाशित एक लेख‘ ट्रेडिशनल नॉलिज ऑफ वाटर मैनेजमेंट इन कुमाऊँ हिमालय’ में उत्तराखण्ड के परम्परागत जलसंचयन संस्थानों because पर जलवैज्ञानिक दृष्टि से प्रकाश डालते हुए, इन जलनिकायों को उत्तराखण्ड के परम्परागत ‘वाटर हारवेस्टिंग’ प्रणालियों की संज्ञा दी है. स्थानीय भाषा में इन जल प्रणालियों के because परंपरागत नाम हैं- गूल‚ नौला‚धारा‚ कुण्ड, खाल‚ सिमार‚ गजार इत्यादि.उत्तराखण्ड के जल प्रबन्धन के सांस्कृतिक स्वरूप को जानने के लिए ‘पीपल्स साइन्स इन्स्टिट्यूट’‚ देहारादून से प्रकाशित डॉ.रवि चोपड़ा की लघु पुस्तिका ‘जल संस्कृति ए वाटर हारवेस्टिंग कल्चर’ भी उल्लेखनीय है. वाटर हारवैस्टिंग ...