Tag: Holi Festival

इस बार हर्बल रंगों के साथ खेलें होली…

इस बार हर्बल रंगों के साथ खेलें होली…

उत्तराखंड हलचल
ऋषिकेश की ईशा चौहान दे रहीं हैं महिलाओं को हर्बल रंग बनाने का प्रशिक्षण ईशा चौहान द्वारा कई समूह की महिलाओं के साथ स्थानीय महिलाओं को इन रंगों के बारे में उनकी शुद्धता व गुणवत्ता को कैसे बनाए रखना है उसके बारे में बताया गया। उनके द्वारा अभी तक 6 ग्राम संगठन 15 समूह को हर्बल बनाने का निशुल्क प्रशिक्षण दिया गया है और हरिपुर, श्यामपुर, खदरी, गड़ी मयचक के समूह व संगठन के लोग इन रंगों को बनाकर अपनी आजीविका का संवर्धन कर रहे हैं। जिसके लिए महिलाओं को सशक्त कर रोजगार से जोड़ने हेतु उत्तराखंड के राज्यपाल द्वारा सम्मानित भी किया गया चुका है। अभी वर्तमान में नारी शक्ति महोत्सव देहरादून 2024 में उनके द्वारा उत्तराखंड मुख्यमंत्री के समक्ष रिंगाल के प्रोडक्ट बनाने का लाइव प्रसारण भी दिया गया है। जिसके लिए एनआरएलएम ब्लॉक डोईवाला द्वारा सक्रिय महिला के रूप में उन्हें सम्मानित भी किया गया। ईशा चौहान भीमल...
स्त्री जीवन के रंग, बस की खिड़की से

स्त्री जीवन के रंग, बस की खिड़की से

लोक पर्व-त्योहार
सुनीता भट्ट पैन्यूली उत्तराखंड की कुनकुनी ठंड पार हो गयी है एक नर्म गर्मी  और फगुनाहट का अहसास राजस्थान के सीमांत प्रदेश में पहुंचकर देह को प्रफुल्लित कर रहा है.हमने अपने शाल और स्वेटर बस में उतारकर रख लिये हैं. हरे-भरे कीकर के पेड़, सूखे जर्र-जर्र ताल-तलैयों और कुंओं का सिलसिला अनवरत चल रहा है हमारी आंखों की मिल्कियत तक. मैं बस की ऊंची वाली बर्थ पर बैठी हूं. बहुत सुखद होता है बस या ट्रेन में बैठकर मन की खिड़की से बाहर जीवन और उससे जुड़े रंगों  को महसूस करना. सड़क के किनारे दौड़ लगाते खेतों में गेहूं की  विस्तीर्ण अधपकी फसल जिसकी आधी हरी और आधी पीली हो गयी गेहूं की बालियों में अभी कच्चा दूध उतरा ही है. मेरे लिए बहुत आश्चर्यजनक है गेहूं को राजस्थान की जमीन पर हरहराते हुए देखना, ज्वार,बाजरा की पैदावार ही वहां होती है ऐसा मैंने सुना है. इक्का- दुक्का पीली सरसों के खेत भी कहीं-कहीं बिखरे चि...