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हिंदी प्रशासनिक शब्दावली के निर्माण में संस्कृत का योगदान

हिंदी प्रशासनिक शब्दावली के निर्माण में संस्कृत का योगदान

साहित्‍य-संस्कृति
हिंदी दिवस (14 सितम्बर) पर विशेष  डॉ. मोहन चंद तिवारी 14 सितम्बर का दिन पूरे देश में ‘हिन्‍दी दिवस’ के रूप में मनाया जाता है.आजादी मिलने के बाद 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा में हिन्‍दी को राजभाषा बनाने का फैसला लिया गया था. because 14 सितंबर के दिन का एक खास महत्त्व इसलिए भी है कि इस दिन राजभाषा हिंदी के लब्धप्रतिष्ठ विद्वान् और हिंदी के उन्नायक व्यौहार राजेन्द्र सिंह का भी जन्म दिन आता है.इनका जन्म 14 सितम्बर 1900, को हुआ था और 14 सितम्बर 1949 को उनकी 50वीं वर्षगांठ पर भारत सरकार ने संविधान सभा में हिन्‍दी को राजभाषा बनाने का निर्णय लिया था. तब से 14 सितंबर को  हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा. स्वतंत्रता प्राप्ति दरअसल, स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद हिन्दी को राष्ट्रभाषा के रूप में स्थापित करवाना बहुत कठिन कार्य रहा था. समूचे देश में अंग्रेजी का इतना वर्चस्व छाया हुआ था, कि हिंदी...
उत्तराखंड राज्य के लिए भुलाया नहीं जा सकता दिल्लीवासियों का संघर्ष

उत्तराखंड राज्य के लिए भुलाया नहीं जा सकता दिल्लीवासियों का संघर्ष

देहरादून
उत्तराखंड राज्य के स्थापना दिवस (9 नवम्बर) पर विशेष याद आ रहे हैं डॉ. नारायण दत्त पालीवाल डॉ. मोहन चंद तिवारी आज 9 नवम्बर को उत्तराखंड because राज्य का 21वां स्थापना दिवस है। हम सभी उत्तराखंडवासियों के लिए चाहे वह उत्तराखंड राज्य में रह रहे नागरिक हों, जो एक स्वतंत्र राज्य के अहसास से जीवन यापन कर रहे हैं, या फिर राज्य की बदहाली के कारण दूर दराज के मैदानी इलाकों में मजबूरी से गुजर बसर कर रहे प्रवासी जन हों,सबके लिए अत्यन्त ही हर्ष और गर्व का मौका है कि आज के दिन लंबे संघर्ष और अनेक लोगों के बलिदान के बाद नए राज्य का हमें हमारा संविधान सम्मत अधिकार मिला। प्रवासी यह गर्व करने का दिन इसलिए भी है क्योंकि so आज हमें एक स्वतंत्र राज्य के अलावा अपनी एक नई पहचान भी मिली थी। वरना तो उत्तर प्रदेश जैसे पिछड़े राज्य के किसी कोने में हम भी अपनी पहचान और लोक संस्कृति के लिए संघर्ष कर रहे होते ...