Tag: Covid-19

शोध में खुलासा : उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में कम रहा कोविड का असर, रिकवरी दर रही सबसे ज्यादा

शोध में खुलासा : उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में कम रहा कोविड का असर, रिकवरी दर रही सबसे ज्यादा

देहरादून
हिमांतर ब्यूरो कोरोना वायरस की पहली और दूसरी लहर का असर सबसे कम उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में रहा. इस बात का खुलासा इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशित एक शोध में हुआ है. यह शोध उत्तराखंड में हुआ और इसमें उत्तराखंड के अंदर कोरोना वायरस के इंपेक्ट का एनालिसिस किया गया. जिसमें यह बात सामने आई कि उत्तराखंड के शहरी इलाकों के मुकाबले पहाड़ी इलाकों में कोरोना वायरस का असर काफी कम रहा. इस शोध का कहना है कि अगर कोरोना वायरस से बचना है, तो सुबह की धूप जरूर लें. यह स्टडी मेडिकल जर्नल बेंथम साइंस ने पब्लिश हुई है. इस स्टडी में बताया गया है कि उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में न सिर्फ कोरोना वायरस का असर कम रहा बल्कि यहां इस जानलेवा बीमारी से रिकवरी दर भी सबसे अधिक रही. इस शोध से जुड़े प्रोफेसर प्रशांत गहतोड़ी का कहना है कि इस स्टडी का उपयोग भविष्य में इस खतरनाक वायरस से बचाव के लिए किया जा सकता है. प्रशांत...
एस एस्पायर सोसायटी में लगा कोविड-19 वैक्सीन कैंप, निवासियों ने लगाई वैक्सीन

एस एस्पायर सोसायटी में लगा कोविड-19 वैक्सीन कैंप, निवासियों ने लगाई वैक्सीन

देश—विदेश
नोएडा एक्सटेंशन स्थित एस एस्पायर एओए की तरफ से सोमवार को सोसायटी निवासियों के लिए कोविड-19 वैक्सीनेशन कैंप का आयोजन कराया गया। एओए अध्यक्ष गुरुदास ने बताया कि सोसायटी निवासियों के लिए शारदा अस्पताल के संयोजन से कोविड-19 वैक्सीन कैंप लगाया गया, जिसमें सोसायटी के बुजुर्ग और महिलाओं सहित 100 से ज्यादा लोगों ने वैक्सीन लगाई। उन्होंने कहा कि सोसायटी के कई निवासी चाहते थे कि सोसायटी के भीतर ही वैक्सीनेशन कैंप का आयोजन हो ताकि कोरोना के इस काल में वैक्सीन के लिए बाहर न जाने पड़ा। ऐसे में सोसायटी निवासियों की सहूलियत को देखते हुए एओए की तरफ से वैक्सीनेशन कैंप का आयोजन कराया गया। वैक्सीनेशन कैंप के जरिए सोसायटी की महिलाओं और बुजुर्गों ने वैक्सीन लगाई। कई सोसायटी निवासियों ने अपने यहां आने वाली मेड्स को भी वैक्सीन लगाई। वैक्सीन लगाने वालों में सबसे ज्यादा तादाद महिलाओं और बुजुर्गों की थी। ...
उत्तरकाशी जिले में ऑक्सीजन की कमी नहीं— जिलाधिकारी

उत्तरकाशी जिले में ऑक्सीजन की कमी नहीं— जिलाधिकारी

उत्तरकाशी
कोरोना की तीसरी लहर आने की भी आशंका को देखते हुए पुख्ता इंतजाम, सीएचसी चिन्यालीसौड़ में 06 ऑक्सीजन बैड हैं, अगले तीन सप्ताह के भीतर 40-50 बैड बढ़ाने because का कार्य गतिमान है. उधर नौगाँव/बड़कोट में 24 ऑक्सीजन बैड व पुरोला में 12 ऑक्सीजन बैड हैं नीरज उत्तराखंडी, उत्तरकाशी कोरोना संक्रमण की बढ़ती आशंकाओं को देखते हुए जिला प्रशासन ने पुख्ता तैयारी की है. जिला अस्पताल के अलावा जनपद की सीएचसी चिन्यालीसौड़, पुरोला,नौगाँव व कोविड अस्पताल so गढ़वाल मंडल विकास निगम उत्तरकाशी में आक्सीजन बैंड की क्षमता को बढ़ाया गया है. मूलांक जिला अस्पताल में 95 ऑक्सीजन बैड है तो वहीं कोविड अस्पताल जीएमवीएन में 30 ऑक्सीजन बैड है. सीएचसी चिन्यालीसौड़ में 06 ऑक्सीजन बैड है अगले तीन सप्ताह के भीतर 40-50 बैड बढ़ाने का कार्य गतिमान है. उधर नौगाँव/बड़कोट में 24 ऑक्सीजन बैड व पुरोला में 12 ऑक्सीजन बैड वर्तमान में है....
उत्तराखण्ड कैबिनेट : पत्रकारों का परिचय पत्र ही कर्फ्यू पास होगा

उत्तराखण्ड कैबिनेट : पत्रकारों का परिचय पत्र ही कर्फ्यू पास होगा

देहरादून
उत्तराखण्ड कैबिनेट की बैठक में लिए गये महत्वपूर्ण निर्णय हिमांतर ब्‍यूरो, देहरादून 26 अप्रैल को हुई उत्तराखण्ड because मंत्री मण्डल की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसलों पर कैबिनेट ने अपनी मुहर लगाई जिनमें से महत्वपूर्ण निर्णय निम्नलिखित हैं- बातचीत प्रदेश में कोरोना के संक्रमण की रोकथाम के लिए 18 because से 45 वर्ष के सभी नागरिकों को निःशुल्क टीका लगेगा. प्रदेश की आबादी वर्तमान में लगभग 50 लाख है. और इस पर राज्य सरकार 450 करोड़ रूपये खर्च करेगी. 18 से 45 आयु वर्ग में लगने वाले टीके में 90 प्रतिशत कोविशील्ड और 10 प्रतिशत कोवैक्सीन के टीके लगेंगे. प्रदेश में वैक्सीन की आपूर्ति यथाशीघ्र करने के लिए because महानिदेशक चिकित्सा तथा चिकित्सा शिक्षा के साथ-साथ उद्योग सचिव, सचिन कुर्वे को वैक्सीन उपलब्ध कराने का दायित्व सौंपा गया है. रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति सुनिश्चित करने और...
घड़ी परीक्षा की  है पर हिम्मत न हारें  

घड़ी परीक्षा की  है पर हिम्मत न हारें  

समसामयिक
प्रो. गिरीश्वर मिश्र आज कोरोना की महामारी ने ठण्ड because और प्रदूषण के साथ मिल कर आम आदमी की जिन्दगी की मुश्किलों को बहुत बढ़ा दिया है. बहुत कुछ अचानक हो रहा है और उसके साथ जुड़ी चिंता, परेशानी, कुंठा, व्यथा  दुःख की विभीषिका की तरह चल रही है. प्रिय जन को खोना, नौकरी छूट जाना, गंभीर रोग, दुर्घटना, त्रासदी जैसे भयानक अनुभव से गुजर कर उठना और आगे बढ़ना एक कठिन चुनौती होती है पर वह असंभव नहीं है. इस दौरान ऎसी कई कहानियां भी सुनने, पढने या देखने को मिल रही हैं जिनमें लोग कठिन परिस्थिति से उबर कर आगे बढ़ते हैं. so ऐसी स्थिति में जब खुद को पाते हैं तो क्या करें? अपनी व्यथा से कैसे पेश आएं?  ऐसे सवालों का कोई सीधे-सीधे उत्तर नहीं है. इस हाल में प्रतिरोध या जूझने की क्षमता (रेसीलिएंस) का विचार मदद करता है. जूझने का दम हो तो आदमी जीवन की कठिन परिस्थिति मे या कहें तनाव या त्रासद घड़ी से उबर कर  वापस ...
कोरोना काल में स्वास्थ्य की चुनौती के निजी और सार्वजनिक आयाम 

कोरोना काल में स्वास्थ्य की चुनौती के निजी और सार्वजनिक आयाम 

समसामयिक
प्रो. गिरीश्वर मिश्र आजकल  का समय  स्वास्थ्य की दृष्टि से एक  घनी चुनौती बनता जा रहा है जब पूरे विश्व में में मानवता के ऊपर एक ऐसी अबूझ महामारी का असर पड़ रहा है जिसके आगे अमीर गरीब सभी देशों ने हाथ खड़े कर दिए हैं.  सभी परेशान है और उसका कोई हल दृष्टि में नहीं आ रहा है. इस अभूतपूर्व कठिन घड़ी का एक व्यापक वैश्विक परिदृश्य है जहाँ पर  किसी दूर बाहर के देश से पहुंच कर एक विषाणु  चारों ओर संक्रमण  फैला रहा है और जान को जोखिम में डाल रहा because है और  उस पर काबू पाने की कोई हिकमत कारगर नहीं हो रही है. पूरे विश्व में हाहाकार मचा हुआ है. ऐसे में हम अपने को कैसे स्वस्थ रखें यह  बड़ी चुनौती  बन रही है. पर जब हम विचार करते हैं तो यह प्रश्न खड़ा होता है कि हम अपने स्वास्थ्य की रक्षा के लिए कितने तत्पर हैं? यह सही है कि स्वास्थ्य केवल अपने ऊपर ही नहीं बल्कि व्यक्ति और परिवेश इन दोनों की पारस्परिक अंत...
अपना गाँव

अपना गाँव

कविताएं
अंकिता पंत गाँवों में फिर से हँसी ठिठोली है बुजुर्गों ने, फिर किस्सों की गठरी खोली है. रिश्तों में बरस रहा फिर से प्यार मन रहा संग, खुशी से हर त्यौहार. गाँवों में फिर से खुशियाँ छाई हैं परदेसियों को बरसों बाद, घर की याद आई है. महामारी एक बहाना बन कर आ गई खाली पड़े मकानों को, बरसों बाद घर बना गई. पहाड़ अब और अधिक चमकने लगे हैं अपनों से जुड़कर, ये रिश्ते और अधिक महकने लगे हैं. रिश्तों की चाहत, अपनी मिट्टी से फिर जुड़ने लगी है अब मेरे पहाड़ों को, सुकूँ भरी राहत मिलने लगी है. विजयपुर  (खन्तोली) जनपद – बागेश्वर, उत्तराखंड  ...