क्या असमान वार्मिंग से हो रहा है वसंत का अंत?
क्लाइमेट सेंट्रल के एक नए विश्लेषण से भारत के सर्दियों के तापमान में एक चिंताजनक प्रवृत्ति का पता चलता है. जहां एक ओर पूरे देश में सर्दियाँ तो पहले से गर्म हो रही हैं, वहीं तापमान बढ़ने की दर, क्षेत्र, और महीने की बात करें तो उसमें एक जैसी प्रवृत्ति नहीं. इस असमान वार्मिंग पैटर्न के कारण भारत के कुछ हिस्सों में वसंत का मौसम कम दिनों में सिमट रहा है.
ग्लोबल वार्मिंग का भारत पर प्रभाव
यह अध्ययन साल 1970-2023 की अवधि पर केंद्रित था. इसमें पाया गया कि ग्लोबल वार्मिंग, जो मुख्य रूप से फोस्सिल फ्यूल जलाने से बढ़ते कार्बन डाइऑक्साइड एमिशन से प्रेरित है, ने भारत के सर्दियों के मौसम (दिसंबर-फरवरी) को काफी प्रभावित किया है. विश्लेषण किए गए प्रत्येक क्षेत्र में 1970 के बाद से सर्दियों के तापमान में शुद्ध वृद्धि देखी गई. हालाँकि, वार्मिंग की भयावहता काफी भिन्न थी.
पूर्वोत्तर भारत तेजी से गर्म हो...