Tag: AIIMS

उत्तराखंड में अपनी तरह का पहला केस, एम्स ऋषिकेश में सफल ऑपरेशन से लौटा मासूम का जीवन

उत्तराखंड में अपनी तरह का पहला केस, एम्स ऋषिकेश में सफल ऑपरेशन से लौटा मासूम का जीवन

देहरादून
हिमांतर ब्यूरो अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (All India Institute of Medical Sciences) यानी एम्स (AIIMS)  ऋषिकेश के चिकित्सकों ने दिल की बीमारी से ग्रसित उत्तर प्रदेश की एक सात वर्षीय बच्ची का सफल ऑपरेशन कर नया जीवन दिया है. यूपी के भंगरोला नवाबगंज, जिला बरेली निवासी सात वर्षीय बालिका को पिछले एक साल से सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. साथ ही वह जन्म के समय से ही शरीर के नीले रंग की बीमारी से ग्रसित थी. परिवार वाले बच्ची को लेकर यूपी के कई अस्पतालों में गए, लेकिन सभी ने हाथ खड़े कर दिए. अंतिम उम्मीद लिए परिजन बच्ची को लेकर एम्स पंहुचे. जहां कई जांचों में बच्ची हृदय की बड़ी धमनियों के स्थानांतरण से ग्रसित पाई गई. यह एक जन्मजात हृदय रोग है. सीटीवीएस विभाग के पीडियाट्रिक कार्डियक सर्जन डाॅ. अनीश गुप्ता के मुताबिक यह बीमारी जानलेवा है और अधिकांश मामलों में इस बीमारी से ग्रसित 90 प्रतिशत श...
बड़ा खुलासा, मरीजों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे 45% डॉक्टर

बड़ा खुलासा, मरीजों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे 45% डॉक्टर

उत्तराखंड हलचल
Health news : आपके घर में जब भी कोई बीमार होता है, आप उनको अस्पताल लेकर जाते हैं। इस उम्मीद के साथ कि आपका मरीज जल्द स्वस्थ होकर घर लौटेंगे। लेकिन, क्या आपको पता है कि 45% प्रतिशत डॉक्टर मरीजों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने खुलासा किया है कि करीब 45 फीसदी डॉक्टर आधा-अधूरा परचा लिख रहे हैं, जो सीधे तौर पर मरीजों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ICMR का कहना है कि OPD में मरीजों को शुरुआती चिकित्सा सलाह देने वाले डॉक्टर जल्दबाजी में बड़ी लापरवाही कर रहे हैं। 13 नामचीन सरकारी अस्पतालों का सर्वे कराने के बाद तैयार ICMR की इस रिपोर्ट के बाद अब केंद्र सरकार इस लापरवाही को रोकने के लिए जल्द ही सख्त कदम उठा सकती है। 2019 में ICMR ने दवाओं के तर्कसंगत उपयोग को लेकर एक टास्क फोर्स बनाई, जिसकी निगरानी में अगस्त, 2019 से अगस्त, 202...
उत्तराखंड : शुगर है तो छोड़ दें टेंशन, AIIMS प्रोफेसर का दावा, नहीं लेनी पड़ेगी  इंसुलिन

उत्तराखंड : शुगर है तो छोड़ दें टेंशन, AIIMS प्रोफेसर का दावा, नहीं लेनी पड़ेगी इंसुलिन

उत्तराखंड हलचल
ऋषिकेश: अगर आपको भी शुगर है तो टेंशन छोड़ दें। यह हम ऋषिकेश के AIIMS  प्रोफेसर के दावे के आधार पर कह रहे हैं। उन्होंने ऐसा दावा किया है, जिससे शुगर से परेशान लोगों के चेहरों पर मुस्कार आ जाएगी। केवल एक कैप्सूल से आपको इस समस्या से निजात मिल सकती है। AIIMS  जनरल मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. रविकांत ने अपने शोध के आधार पर दावा किया कि अब बिना दवा और इंसुलिन इंजेक्शन ही लंबे समय तक शुगर को नियंत्रित रखा जा सकता है। शुगर के मरीजों को अब दवाई और नियमित इंसुलिन के इंजेक्शन से निजात मिलेगी। AIIMS  के   ने एनकैप्सुलेटेड ह्यूमन बीटा सेल तकनीक से बीटा सेल का नैनो कैप्सूल तैयार किया गया है, जिसे शरीर में प्रत्यारोपित किया जाएगा। इससे लंबे समय तक शुगर कंट्रोल रहेगी।मरीजों को शुगर नियंत्रण के लिए हर दिन नियमित दवाइयों का सेवन करना पड़ता है। जब दवाइयां भी काम करना बंद कर देती हैं तो मरीजों को...
AIIMS में स्टूडेंट डॉक्टर को एग्जामिनर ने तिलक लगाने पर टोका, जांच शुरू

AIIMS में स्टूडेंट डॉक्टर को एग्जामिनर ने तिलक लगाने पर टोका, जांच शुरू

उत्तराखंड हलचल
ऋषिकेश: AIIMS में एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक स्टूडेंट डॉक्टर ने परीक्षा के दौरान उनको तिलक लगाने पर टिप्पणी की और उत्पीड़न किया। इस मामले ने अब तूल पकड़ लिया है। मामले में एम्स प्रशासन भी जांच में जुट गया है। दो दिन पूर्व AIIMS ऋषिकेश की (पेन मेडिसिन विभाग ) की स्टूडेंट डॉक्टर शालिनी मिश्रा की ओर से परीक्षा के दौरान तिलक लगाने को लेकर कथित तौर से एग्जामिनर द्वारा स्टूडेंट पर टिप्पणी करने व उत्पीड़न करने के बाबत एम्स प्रशासन ने अपना पक्ष रखा गया है।  AIIMS स्थान के प्रभारी जनसंपर्क अधिकारी संदीप कुमार सिंह ने इस सम्बंध में बताया कि मामले में AIIMS प्रशासन विभिन्न स्तर पर जांच कर रहा है। उन्होंने बताया कि डीन एकेडमिक की ओर से भी इस मामले को गंभीरता से लिया गया है। इस प्रकरण पर संबंधित एग्जामिनर से भी आवश्यक पूछताछ व जानकारी हासिल की जा रही है। प्रभारी पीआरओ ने बताया ...
उत्तराखंड : AIIMS ऋषिकेश से 40 मजदूरों को मिली छुट्टी, सभी अपने घरों को रवाना

उत्तराखंड : AIIMS ऋषिकेश से 40 मजदूरों को मिली छुट्टी, सभी अपने घरों को रवाना

उत्तराखंड हलचल
ऋषिकेश: सिलक्यारा, उत्तरकाशी टनल से निकाले गए श्रमिकों का एम्स, ऋषिकेश में सभी सघन स्वास्थ्य जांच के बाद सभी 41 श्रमिकों को एम्स अस्पताल प्रशासन की ओर से क्लिएरेंस दे दिया गया है। एम्स प्रशासन के अनुसार 40 मजदूरों को डिस्चार्ज कर दिया गया है। बृहस्पतिवार को जारी हेल्थ बुलेटिन में एम्स अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. आर.बी.कालिया, जनरल मेडिसिन विभागाध्यक्ष प्रो. रविकांत व अस्पताल प्रशासन से डॉक्टर नरेन्द्र कुमार ने बताया कि सिलक्यारा सुरंग से निकाले गए सभी 41 श्रमिकों को बीते बुधवार दोपहर में एम्स में भर्ती किया गया था। प्रारंभिक जांच के बाद इनमें से किसी भी श्रमिक में चोट आदि जैसे कोई शिकायत नहीं पाई गई, लिहाजा मेडिकल कंडिसंस के लिए इन सभी का सघन स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। साथ ही उनके टेस्ट जैसे ब्लड, किडनी, ईसीजी, एबीजी,लीवर फंक्शन टेस्ट, एक्सरे, ईको कॉर्डियोग्राफी, एबीजी आदिटेस्ट किए...
सरकारी नौकरी: 10 से 30 नवंबर के बीच करें आवेदन, 10वी-12वीं पास के लिए भी मौका

सरकारी नौकरी: 10 से 30 नवंबर के बीच करें आवेदन, 10वी-12वीं पास के लिए भी मौका

उत्तराखंड हलचल
सरकारी नौकरी:  अगर आपको सरकारी नौकरी का इंतजार है तो इसी नवंबर माह में कई विभागों में भर्ती के लिए आवेदन का मौका है। 10 नवंबर से 30 नवंबर के बीच उत्तराखंड समेत देश के केंद्रीय विभागों में कई पदों पर जारी भर्ती विज्ञापनों के लिए आवेदन करने का मौका है। इस आर्टीकल में हाम आपके के लिए सभी भर्तियों की पूरी जानकारी दे रहे हैं। सभी भर्तियों के लिए लिंक भी दिए गए हैं, जिन पर जाकर आप आवेदन भी कर सकते हैं और पूरी जानकारी भी हासिल कर सकते हैं। करेंसी नोट प्रेस नासिक ने जूनियर तकनीशियन और अन्य पदों की कुल 113 रिक्तियों को भरने के लिए ऑनलाइन भर्ती अभियान शुरू किया है। इच्छुक उम्मीदवार आवेदन पत्र और अधिसूचना आधिकारिक वेबसाइट –cnpnashik.spmsil.com पर जाकर करियर टैब के तहत देख सकते हैं। आवेदन पत्र को भरकप जमा करने की अंतिम तिथि 18 नवंबर है। रेलवे में भर्ती रेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड में ...
27 साल के युवक को लगाई गई पिता की किडनी, एम्स ऋषिकेश में पहली बार हुआ किडनी प्रत्यारोपण

27 साल के युवक को लगाई गई पिता की किडनी, एम्स ऋषिकेश में पहली बार हुआ किडनी प्रत्यारोपण

देहरादून
ऋषिकेश. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (All India Institute of Medical Sciences) ऋषिकेश (Rishikesh) AIIMS (एम्स) में 27 वर्षीय युवक की किडनी प्रत्यारोपित कर उसे नया जीवन दिया गया है. युवक को उसके पिता की किडनी लगाई गई है. इसी के साथ एम्स ऋषिकेश उत्तराखंड का पहला सरकारी अस्पताल बन गया है जहां किडनी प्रत्यारोपण की सुविधा शुरू हुई है. नैनीताल का रहने वाला यह युवक किडनी फेलियर की समस्या से ग्रसित था. किडनी प्रत्यारोपण ही अंतिम विकल्प था. हालांकि यह एक चुनौतीपूर्ण कार्य था जिसे संस्थान की यूरोलॉजी (Urology), नेफ्रोलॉजी (Nephrology) और ऐनेस्थेसिया विभाग की संयुक्त टीम ने सफलतापूर्वक पूरा किया. इस प्रक्रिया में एम्स दिल्ली के चिकित्सकों का भी सहयोग रहा. जल्द ही हार्ट ट्रांसप्लांट और लीवर ट्रांसप्लांट की सुविधा भी जल्द ही एम्स ऋषिकेश में शुरू होगी. युवक का इलाज आयुष्मान भारत योजना के तहत सरकार...