Tag: होम स्टे

‘ब्वारी गांव’ के रूप में चर्चित हो रहा है चिन्यालीसौड़ का मथोली गांव

‘ब्वारी गांव’ के रूप में चर्चित हो रहा है चिन्यालीसौड़ का मथोली गांव

उत्तराखंड हलचल
होम स्टे संचालन से लेकर पयर्टकों को विलेज टूर तक कराती हैं महिलाएं उत्तरकाशी जनपद में पयर्टकों का रुख आमतौर पर हर्षिल वैली या मोरी- सांकरी की तरफ ही होता है। ऐसे में चिन्यालीसौड़ ब्लॉक के मथोली गांव की महिलाओं ने अपने आतिथ्य सत्कार और कौशल से गांव को पयर्टकों के लिए नया ठिकाना बना दिया है। यहां होम स्टे संचालन से लेकर विलेज टूर तक महिलाएं ही संचालित करवा रही हैं। मथोली को पहाड़ के आम गांव से पयर्टक गांव के रूप में बदलने का श्रेय जाता है गांव के युवक प्रदीप पंवार को। प्रदीप पंवार को कोविड 19 लॉकडाउन के दौरान अपना गांव लौटना पड़ा, सौभाग्य से उनके पास पयर्टन क्षेत्र में काम करने का अनुभव था। इसलिए उन्होंने गांव के पास मौजूद अपनी छानी (गौशाला) को होम स्टे में बदल कर, इसे पर्यटकों के लिए खोल दिया। इसी के साथ प्रदीप पंवार ने गांव की महिलाओं को ही होम स्टे संचालन (आतिथ्य सत्कार, भोजन बनाने, ट्र...
पलायन  ‘व्यक्तिजनित’ नहीं ‘नीतिजनित’ है

पलायन  ‘व्यक्तिजनित’ नहीं ‘नीतिजनित’ है

उत्तराखंड हलचल
भाग-एक पहले कृषि भूमि तो बचाइये! चारु तिवारी  विश्वव्यापी कोरोना संकट के चलते पूरे देश में लॉक डाउन है. अभी इसे सामान्य होने में  समय लगेगा. इसके चलते सामान्य जन जीवन प्रभावित हुआ है. देश में नागरिकों  का एक बड़ा तबका है जो अपनी रोटी रोजगार के लिए देश के महानगरों या देश से बाहर रह रहा है. उसके सामने अब अपने जीवन यापन का संकट खड़ा हो गया है. स्वाभाविक रूप से उसका सबसे सुरक्षित ठिकाना अपना गांव-घर ही है. यही कारण है बड़ी संख्या में  शहरों से लोग अपने-अपने गांव जा रहे हैं. उत्तराखंड एक ऐसा राज्य है, जहां  से पिछले तीन-चार दशकों  से पलायन तेज हुआ है. राज्य बनने के दो दशक बाद तो यह रुकने की बजाय बढ़ा है. कोरोना के चलते बड़ी संख्या में लोग पहाड़ लौटे हैं. लोगों  को लगता है कि इसी बहाने लोग गांव में  रहने का मन बनायेंगे. सरकार भी इसे एक अवसर मान रही है. उत्तराखंड ग्राम विकास  एवं पलायन आ...