Tag: हिमालय दिवस

पीपलकोटी में पौधारोपण और चिनाब घाटी के फ्लोरा- फौना  के अध्ययन के साथ मनाया गया हिमालय दिवस

पीपलकोटी में पौधारोपण और चिनाब घाटी के फ्लोरा- फौना  के अध्ययन के साथ मनाया गया हिमालय दिवस

चमोली
पीपलकोटी में तैलाघाम तोक के भूस्खलन क्षेत्र में पौधरोपण और सुरक्षा के संकल्प के साथ सामाजिक संस्था के सदस्यों ने हिमालय दिवस मनाया. हिमालय दिवस के अवसर पर - आगाज के कार्यक्रम समन्वयक जयदीप किशोर के नेतृत्व में बाड़ेपानी और तैलाघाम भूस्खलन पर 50 - टिमरू और कचनार के पौधे रोप गए. अर्थ समूह के निदेशक सुशील कान्त सती ने कहा कि- ये हम सबकी जिम्मेदारी हैकि हम मिलजुलकर प्रकृति का संरक्षण करें  और लगाये गए पौधों के सुरक्षा करें . कैनाबिस कैफे के संचालक श्री कुलदीप नेगी ने कहा की, हिमालय दिवस सिर्फ एक ओपचारिकता नहीं है बल्कि हिमालय के संरक्षण और जैव विविधता को बचने के लिए हम सभी को आगे आना होगा. आगाज के एक अध्ययन दल ने इस दौरान - जोशीमठ के पास के - ट्रेकिंग रूट और पर्यटक स्थल - चैनाब घाटी की अनाम  फूलों की घाटी का अनुज नम्बूदरी के नेतृत्व में भ्रमण किया और चैनाब घाटी के पुष्प प्रजातियों, मशरू...
देशभर में  200 से ज्यादा स्थानों पर मनाया जायेगा हिमालय दिवस!

देशभर में  200 से ज्यादा स्थानों पर मनाया जायेगा हिमालय दिवस!

देहरादून
हिमांतर ब्यूरो, देहरादून हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी 9 सितंबर को हिमालय दिवस देश भर में मनाया जायेगा. इस दिवस को मनाए जाने के पीछे मुख्य कारण हिमालय को श्रद्धांजलि देने के साथ—साथ उन तमाम मुद्दे जो हिमालय because के आज तक बिखरे हुए और नकारे हुए हैं उनके प्रति देश—दुनिया का ध्यान खींचना है. ज्योतिष इस बार के हिमालय दिवस का विषय ही हिमालय ज्ञान— विज्ञान पर केन्द्रित है. यह भी स्वीकारना पड़ेगा कि हिमालय देश में ज्ञान— विज्ञान का केन्द्र और श्रोत रहा है. वो चाहे आध्यात्म से जुड़ी हों, आस्था और संस्कृति संस्कार से, देश दुनिया को हिमालय ने ही परोसे हैं. इतना ही नहीं दुनिया भर में  प्रसिद्ध बड़ी नदियां गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र यह because सब हिमालय की ही देेन है जो करीब 1,9 बिलियन लोगों को पाल रही हैं. हवा, मिट्टी भी हिमालय की ही देन है जो देश को कई तरह के लाभ देती है और उनमें से हरित क्रांति...
संकट में है आज हिमालय पर्यावरण

संकट में है आज हिमालय पर्यावरण

पर्यावरण
‘हिमालय दिवस’ (9 सितम्बर) पर विशेष डॉ. मोहन चंद तिवारी आज हिमालय दिवस है.पिछले कुछ वर्षों से देश भर में, खासकर उत्तराखण्ड और हिमाचल प्रदेश में 9 सितम्बर को ‘हिमालय दिवस’ मनाया जा रहा है. हिमालय दिवस की शुरुआत 9 सितंबर,2010 को हिमालय पर्यावरण को समर्पित जाने माने पर्यावरणविदों सर्वश्री सुन्दर लाल बहुगुणा, सुरेश भाई, राजेन्द्र सिंह,पद्मश्री डॉ.अनिल प्रकाश जोशी आदि द्वारा की गई थी. इन पर्यावरणविदों का एक मंच पर आना इसलिए हुआ था कि तब सरकारें हिमालय पर्यावरण के संरक्षण व विकास को लेकर नाकाम ही साबित हो रही थी. ये पर्यावरणविद् सम्पूर्ण हिमालय में हिमालय दिवस के माध्यम से ऐसी जन चेतना जागृत करने के लिए एक मंच पर आए थे ताकि हिमालय के प्राकृतिक संसाधनों और उसकी जैव विविधता की रक्षा की जा सके. 'हिमालय दिवस' मनाने से अति संवेदनशील हिमालय पारिस्थितिकी और पर्यावरण का कुछ भला हुआ होता तो इ...