Tag: हिमांतर प्रकाशन

रवांल्टी भाषा को बचाने के लिए विचार गोष्ठी एवं रवांल्टी विशेषांक का विमोचन

रवांल्टी भाषा को बचाने के लिए विचार गोष्ठी एवं रवांल्टी विशेषांक का विमोचन

उत्तरकाशी
नौगांव (उत्तरकाशी). यमुना वैली पब्लिक स्कूल में हिमांतर प्रकाशन से प्रकाशित रवांल्टी कविता विशेषांक का विमोचन और सम्मान समारोह आयोजित किया गया. देश के ख्यातिलब्ध साहित्यकार महावीर रवांल्टा को वाल्मीकीय रामायण का रवांल्टी में संक्षिप्त अनुवाद करने के लिए सम्मानित किया गया. इस दौरान गोष्ठी का भी आयोजन किया गया. इस मौके पर महावीर रवांल्टा ने कहा कि अपनी भाषा को बचाने के लिए हमें और अधिक गंभीर और सामूहिक प्रयास करने होंगे. उन्होंने रवांल्टी में कविता लेखन करने वाले युवाओं को प्रेरित करने के साथ यह संदेश भी दिया कि वे गंभीरता से लेखन करें. साथ ही यह भी कहा कि लेखन तभी अच्छा होगा, जब अध्ययन गहन होगा. इस दौरान महावीर रवांल्टा ने अपने प्रेरक संस्मरण भी सुनाए. जय प्रकाश सेमवाल ने कहा कि अपनी भाषा पर सबको गौरव होना चाहिए. अपनी लोकभाषा हमें अपनों से जोड़ने का काम करती है. डॉ. वीरेंद्र चंद न...
आगम दत्त नौटियाल की पुस्तक ‘मैं और मेरे संस्मरण’ का लोकार्पण

आगम दत्त नौटियाल की पुस्तक ‘मैं और मेरे संस्मरण’ का लोकार्पण

देहरादून
देहरादून : देहरादून के एक होटल में लोक निर्माण विभाग से सेवानिवृत्त उत्तरकाशी जिले के गैर बनाल निवासी आगम दत्त नौटियाल की पुस्तक ‘मैं और मेरे संस्मरण’ का लोकार्पण कायक्रम सम्पन्न हुआ। लोकार्पण समारोह में ललित मोहन अमोली, विजेंद्र रावत, दिनेश रावत व शशि मोहन रवांल्टा अतिथियों के रूप में आमंत्रित थे। मुख्य वक्ता के रूप में पुस्तक पर प्रकाश डालते हुए साहित्यकार दिनेश रावत ने कहा कि सेवानिवृत्ति के पश्चाय यह समय और श्रम का सार्थक उपयोग है। लेखक द्वारा जीवन की तमाम खट्टी-मिट्ठी बातों और यादों को सरल शब्दों में जिस ईमानदारी के साथ अभिव्यक्त किया गया, वह प्रशंसनीय एवं अनुकरणीय है। पुस्तक में प्रकाशित संस्मरण संघर्ष से उत्कर्ष की कहानी ही बयां नहीं करते हैं, बल्कि उस समय की स्थिति व परिस्थिति से भी परिचित करवाते हैं। पुस्तक में प्रकाशित कई अंश प्रेरणा के नये पथ प्रशस्त करते हैं। इस दौरान वरिष्...