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विश्व पर्यटन दिवस: चयनित ग्रामों के प्रधानों ने प्राप्त किया पुरस्कार

विश्व पर्यटन दिवस: चयनित ग्रामों के प्रधानों ने प्राप्त किया पुरस्कार

दिल्ली-एनसीआर
जखोल गांव को साहसिक पर्यटन, सूपी को कृषि पर्यटन और हर्षिल व गुंजी गांव को वाइब्रेंट विलेज के लिए मिला पुरस्कार नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा विश्व पर्यटन दिवस समारोह के आयोजन में उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया. पुरस्कार वितरण समारोह में उत्तराखण्ड के चयनित ग्रामों के प्रधानों द्वारा सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार प्राप्त किया गया. इस वर्ष सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम प्रतियोगिता में उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी जिले के जखोल गांव को साहसिक पर्यटन के लिए चुना गया, जो अपनी ऊंचाई, खूबसूरत प्राकृतिक दृश्यों और चुनौतीपूर्ण ट्रेकिंग रूट्स के लिए जाना जाता है. साहसिक गतिविधियों के शौकीनों के बीच यह गांव तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. उत्तरकाशी जिले के ही हर्षिल गांव और पिथौरागढ़ जिले के गुंजी गांव को वाइब्रेंट विलेज के रूप में सम्मानित क...
उत्तरकाशी : वाईब्रेंट विलेज के गांवों के दो दिनों के भ्रमण पर हर्षिल पहुंचे राज्यपाल  

उत्तरकाशी : वाईब्रेंट विलेज के गांवों के दो दिनों के भ्रमण पर हर्षिल पहुंचे राज्यपाल  

उत्तरकाशी
नीरज उत्तराखंडी, हर्षिल (उत्तरकाशी)  जिले के सीमांत क्षेत्र के वाईब्रेंट गांवों की जीवंतता को कायम रखने के लिए इन गांवों में पर्यटन विकास, बागवानी के विस्तार तथा आजीविका संवर्द्धन ने नए और बेहतर अवसर सृजित करने पर जोर देते हुए राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने कहा है कि इन गांवों की तकदीर और तस्वीर बदलने की सरकार की कोशिशों में सभी विभागों और संगठनों का प्रतिबद्धता से एकजुट प्रयास करने होंगे। राज्यपाल ने कहा कि सीमांत गांव जादुंग को देश के पहले गांव के रूप में प्रतिष्ठित करने के लिए सरकार के प्रयास फलीभूत होने जा रहे हैं और यह पहल इस सीमावर्ती क्षेत्र में बदलाव की नई बयार लाएगी। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) जिले के सीमांत क्षेत्र के वाईब्रेंट विलेज के गांवों के दो दिनों के भ्रमण पर हैं। हर्षिल हैलीपैड पर पहुंचने के बाद राज्यपाल बगोरी होते हुए धराली गां...
उत्तराखंड में उद्यानीकरण की हकीकत

उत्तराखंड में उद्यानीकरण की हकीकत

उत्तराखंड हलचल
पलायन ‘व्यक्तिजनित’ नहीं ‘नीतिजनित’ है भाग-3 चारु तिवारी  सरकार बार-बार कह रही है कि उद्यानीकरण को रोजगार का आधार बनायेगी. मुख्यमंत्री अपने हर संबोधन में बता रहे हैं कि वे फलोत्पादन और नकदी फसलों से लोगों की आमदनी बढ़ायेंगे, ताकि वे महानगरों की ओर न भागें. सरकार अगर इस तरह सोच रही है तो निश्चित रूप से उसने उद्यानीकरण पर अपना रोडमैप जरूर तैयार किया होगा. मुख्यमंत्री और सरकार की ओर से वही पुरानी बातें कही गई हैं, जो योजनाओं और कागजों तक सीमित रहती हैं. इनके धरातल में न उतरने की वजह से ही लोगों का फलोत्पादन से मोहभंग हुआ. परंपरागत रूप से फलोत्पादन हमारी अर्थव्यवस्था का आधार रही है. फल, सब्जियों, कृषि उपजों आदि से ही ग्रामीण अपना भरण-पोषण करते रहे हैं. पहाड़ में मनीआर्डर की अर्थव्यवस्था एक साजिश है. बहुत तरीके से लाई गई है. यह साबित कराने के लिये कि पहाड़ों में कुछ नहीं हो सकता. बाहर ...