Tag: स्वरोजगार

मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना में 5265 किलोवॉट के पांच प्लांट को मंजूरी, राज्य में हरित ऊर्जा को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से चलाई जा रही योजना

मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना में 5265 किलोवॉट के पांच प्लांट को मंजूरी, राज्य में हरित ऊर्जा को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से चलाई जा रही योजना

उत्तराखंड हलचल
देहरादून। राज्य में हरित ऊर्जा को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रारंभ की गई मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना में 5265 किलोवॉट क्षमता के पांच सोलर पॉवर प्लांट को मंजूरी प्रदान की गई है। राज्य में हरित ऊर्जा को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से ये योजना चलाई जा रही है। राज्य में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है। मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना का इसके अंतर्गत संचालन किया जा रहा है। इसी क्रम में शासन द्वारा अधिसूचित उत्तराखंड राज्य सौर नीति-2023 के अंतर्गत टाइप-टू श्रेणी में उरेडा द्वारा आवेदन के लिए 20 जुलाई 2023 को प्रस्ताव आमंत्रित किये गए थे। ऊर्जा एवं वैकल्पिक ऊर्जा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने जानकारी दी है कि शासन स्तर पर उनकी अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय अनुवीक्षण समिति द्वारा पांच प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। इनकी कुल क्षमता 5265 किलोवॉट है। उन्होंने...
उत्तराखंड में बायोटूरिज़्म और ग्राम संसाधन आधारित स्वरोजगार की असीम संभावनाएं

उत्तराखंड में बायोटूरिज़्म और ग्राम संसाधन आधारित स्वरोजगार की असीम संभावनाएं

देहरादून
आज श्री गुरु राम राय यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मैनेजमेंट एंड कॉमर्स स्टडीज़ एंड इनोवेशन एंड इनक्यूबेशन सेंटर द्वारा आयोजित इंटरप्रन्योरशिप कार्यक्रम के अंतर्गत ग्रामीण स्वरोजगार ग्राम संसाधन आधारित रोजगार विषय पर बोलते हुए कार्यक्रम में मुख्य अतिथि वक्ता के रूप में बोलते हुए आगाज़ फैडरेशन पीपलकोटी के अध्यक्ष एवं संस्थापक जे. पी. मैठाणी ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में भारत सर्वाधिक युवाओं का देश है. इसलिए हम सभी को स्थानीय संसाधन आधारित स्वरोजगार को अपनाने की बात पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों में बायोटूरिज़्म और बायोटूरिज़्म पर आधारित स्वरोजगार के अनेक संसाधन मौजूद हैं. नेचर गाइड, स्टोरी टेलिंग, होम स्टे के साथ-साथ माउंटेन मिलेट, ऑर्गेनिक रूप से उगाई गयी दालों, कलिनरी हर्ब्स, जड़ी-बूटी ही नहीं बल्कि जंगली फलों जैसे किल्मोड़, बेड़ू, काफल, बुर...
स्वरोजगार की नई मिसाल, केदारनाथ यात्रा मार्ग पर महिलाओं ने संभाला टेंट का कारोबार

स्वरोजगार की नई मिसाल, केदारनाथ यात्रा मार्ग पर महिलाओं ने संभाला टेंट का कारोबार

रुद्रप्रयाग
केदारनाथ यात्रा में इस बार घाटी की महिलाओं ने स्वरोजगार की नई मिसाल पेश की है. 20 महिलाओं ने पहली बार यात्रा पैदल मार्ग से लेकर धाम तक टेंट का कारोबार शुरू किया है. इससे तीर्थयात्रियों को कंपकंपाती ठंड में रात गुजारने के लिए आसरा मिल रहा है. इनमें अधिकांश महिलाएं तो बुजुर्गों, बच्चों को चाय, गर्म पानी और दूध तक मुफ्त मुहैया करा रही हैं. केदारनाथ विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाला क्षेत्र है. जहां पल-पल मौसम बदलता रहता है. कब बारिश व बर्फबारी हो जाए कहना मुश्किल है. साथ ही सामान्य मौसम में भी यहां रहना आसान नहीं है. इन सबके बीच केदारघाटी के अलग-अलग गांवों की 20 से अधिक महिलाएं टेंटों का संचालन कर रही हैं. यह पहला मौका है जब महिलाओं द्वारा केदारनाथ यात्रा में टेंट संचालित किए जा रहे हैं. 25 अप्रैल से शुरू हुई यात्रा में अभी तक आए दिन खराब मौसम के चलते टेंटों में यात्री कम ही रुक रहे हैं. बारिश...
नौकरी छोड़ होमस्टे चला रहा इंजीनियर

नौकरी छोड़ होमस्टे चला रहा इंजीनियर

अभिनव पहल
प्रियंका, शोधार्थी अभिषेक सिंह पेशे से इंजीनियर है. पौड़ी-देहरादून रूट पर होमस्टे चलाते हैं. उनका कहना है कि मेरा उद्देश्य एग्रो-टूरिज्म को बढ़ावा देना है. जिसके जरिए मैं आस-पास के ग्रामीणों के लिए भी रोजगार सृजन कर सकूं. अभी मेरे पास चार स्थाई कर्मचारी हैं. because गर्मियों के सीजन में जैसे ही होमस्टे का कारोबार बढ़ता है, मैं आस-पास के गांवों के लोगों को भी इससे जोड़ लेता हूं, ताकि उनकी भी कमाई हो सकें. होमस्टे में आने वाले ज्यादातर टूरिस्ट कैंपिंग का मजा लेना चाहते हैं. उनके लिए पहाड़ पर बना होमस्टे किसी आश्चर्य से कम नहीं होता है. पढ़ें— प्रकृति और जैविक उत्पादों से दिखाई स्वरोजगार की राह… मैं 2016 से ही स्वरोजगार कर रहा हूं. सबसे पहले डेयरी खोली. लेकिन लोगों का अच्छा रिस्पॉन्स नहीं मिला, क्योंकि पैकेट बंद दूध खरीदने की आदत के चलते लोग इसे गोशाला कहते थे. because धीरे-धीरे मैंने इसका वि...
स्वरोजगार से 25 लोगों को रोजगार दे रहा युवा

स्वरोजगार से 25 लोगों को रोजगार दे रहा युवा

अभिनव पहल
मनीष ने डेढ़ लाख रुपए की पूंजी व सीमित संसाधनों के साथ अपना स्वरोजगार शुरू किया था और आज उनका वार्षिक टर्नओवर लगभग 24-25 लाख रुपए है. because शुरुआत में परिवार के सदस्यों ने ही स्वरोजगार के कार्य को आगे बढ़ाया. लेकिन आज वह 20-25 लोगों को रोजगार दे रहे हैं. मनीष की सफलता से प्रभवित होकर आज कई युवा भी उनसे प्रेरित हो रहे हैं. आरूशी, शोधार्थी किसी भी समाज एवं राष्ट्र की उन्नति व प्रगति का भर  युवाओं के कंधों  पर होता है. यही कारण है कि समाज की दशा-दिशा के निर्धारण में उनकी अहम भूमिका होती है. ऐसे ही एक युवा हैं मनीष सुंदरियाल जो पौड़ी गढ़वाल जिले के नैनीडांडा ब्लॉक अंतर्गत ग्राम डुंगरी निवासी हैं और स्वरोजगार के जरिए युवाओं के because प्रेरणा स्त्रोत बन रहे हैं. मनीष 1998 से ही स्वरोजगार के जरिए स्थानीय उत्पादों को उत्तराखंड में ही नहीं, दूसरे राज्यों में भी पहुंचा रहे हैं।  उन्होंने 22...
संघर्ष और मेहनत की बदौलत दिल्ली में सफल उद्यमी बना पहाड़ का बेटा

संघर्ष और मेहनत की बदौलत दिल्ली में सफल उद्यमी बना पहाड़ का बेटा

अभिनव पहल, उत्तरकाशी
शशि मोहन रवांल्‍टा उत्तराखंड के सीमांत जनपद उत्तरकाशी के नौगांव ब्लॉक के तुनाल्का गांव में जन्में जगमोहन बिजल्वाण दिल्ली में एक सफल उद्यमी हैं. अपने उत्साह, संघर्ष और कारोबारी सोच की बदौलत उन्होंने खुद का सफल बिजनेस खड़ा किया. वह कहते हैं कि एक सफल कारोबार के लिए सबसे अहम है- जीवन में जोखिम लेना और बाधाओं से because बिल्कुल भी नहीं घबराना. अक्सर उद्यमी सोच के युवा भी आराम दायक नौकरी और भविष्य को सुरक्षित करने के चक्कर में अपनी रचनात्मकता और कारोबारी प्रतिभा को मार लेते हैं, जबकि होना इसके उलट चाहिए. युवाओं को अपनी प्रतिभा का उपयोग स्वरोजगार के लिए करना चाहिए, क्योंकि हम जिस वक्त में रह रहे हैं यह उद्यमशीलता का वक्त है. जो युवा जोखिम उठाते हैं, उनको सफलता जरूर मिलती है. स्वरोजगार कंपनी सेक्रेटरी की नौकरी छोड़  खड़ा किया बिजनेस जगमोहन बताते हैं कि वह एक बड़ी कंपनी में कंपनी सेक्रेटरी लीग...
पर्वतारोहण और ट्रैकिंग से स्वरोजगार की पहल…

पर्वतारोहण और ट्रैकिंग से स्वरोजगार की पहल…

चमोली, पर्यटन
शशि मोहन रवांल्टा स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी श्रीराम शर्मा के गीत ‘करो राष्ट्र निर्माण बनाओ मिट्टी से सोना’ जी हां! इस गीत की पंक्तियों को चरितार्थ कर दिखाया है उत्तरकाशी जिले because के दूरस्थ गांव सौड़-सांकरी के चैन सिंह रावत ने. उन्होंने पर्वतारोहण और ट्रैकिंग के काम को पर्यटन व्यवसाय से जोड़ा है. अब उनके गांव के हर नौजवान के पास ‘होम स्टे’ के रूप में स्वरोजगार है. बसंत ऋतु उत्तरकाशी जिले के so सीमान्त विकासखण्ड मोरी के दूरस्थ गांव सांकरी में वर्ष के 10 माह तक पर्यटकों की आमद देखने को मिलती है. जनवरी और फरवरी माह में यह सम्पूर्ण घाटी बर्फ से ढक जाती है. यहां पर हरे-भरे जंगल, गोविंद पशु विहार नेशनल पार्क और सैंचुरी (Govind Pashu Vihar National Park & Sanctuary), सेब के बागान, पास में बह रही सुपीन नदी, हरकीदून बुग्याल, केदारकांठा ट्रैक, जुड़ी ताल की सैर, इसके अलावा इस घाटी में स...
जनपद चमोली में लहलहाने लगा चाइनीज़ बैम्बू/मोसो बांस

जनपद चमोली में लहलहाने लगा चाइनीज़ बैम्बू/मोसो बांस

पर्यावरण
पर्यावरण दिवस (5 जून) पर विशेष जे. पी. मैठाणी उत्तराखण्ड में जनपद चमोली की टंगसा गाँव स्थित वन वर्धनिक की नर्सरी में उगाया गया चाइनीज़ बैम्बू बना आकर्षण का केन्द्र. चाइनीज़ बैम्बू को ग्रीन गोल्ड यानी हरा सोना कहा जाता है. यह नर्सरी गोपेश्वर बैंड से लगभग 6 किमी0 की दूरी पर पोखरी मोटर मार्ग पर स्थित है. रिवर्स माइग्रेशन कर आ रहे पहाड़ के युवा जिनके गाँव 1200 मीटर से अधिक ऊँचाई पर हैं उन गाँवों के लिए चाइनीज़ बैम्बू स्वरोजगार के बेहतर और स्थायी रास्ते खोल सकता है. हस्तशिल्प उत्पाद, फर्नीचर, होम स्टे की हट्स और घेरबाड़. हमने अपने जीवन में सामान्यतः कई तरह के बांस के पौधे या झुरमुट देखे होंगे. ये आश्चर्य की बात है कि बांस को कभी पेड़ का दर्जा दिया गया था, जिससे उसके काटने और लाने ले जाने के लिए वन विभाग से परमिट की आवश्यकता पड़ती थी. लेकिन कुछ समय पूर्व भारत सरकार द्वारा पुनः वन कानून में पर...