सत्ता के मद में सरकारों ने भुला दिया सालम के वीर शहीदों को
25 अगस्त के शहीदी दिवस पर विशेष
डॉ. मोहन चंद तिवारी
आज के ही के दिन 25 अगस्त,1942 को सालम के धामद्यो में अंग्रेजी सेना तथा क्रांतिकारियों के बीच हुए युद्ध में नर सिंह धानक तथा टीका सिंह कन्याल शहीद हो गए थे. किंतु देश इन क्रांतिकारियों के बारे में कितना जानता है? वह तो दूर की बात है उत्तराखंड के कुछ गिने चुने लोगों को ही यह याद है कि देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले इन दो क्रांतिकारियों का आज शहीदी दिवस है.पर इतिहास साक्षी है कि राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन में इन दोनों उत्तराखंड के क्रांतिकारियों का नाम स्वर्णाक्षरों में लिख दिया गया है -
नरसिंह धानक (1886-1942)
टीका सिंह कन्याल (1919-1942)
गौरतलब है कि नौ अगस्त 1942 को महात्मा गांधी द्वारा मुंबई में 'अंग्रेजों भारत छोड़ो' आंदोलन शुरू करने के एक सप्ताह बाद 'करो या मरो' की गांधी जी की ललकार के साथ ही सालम की ज...