Tag: शहीद

सीएम धामी ने शहीद स्थल में राज्य आन्दोलनकारी शहीदों को दी श्रद्धांजलि, कहा – शहीद राज्य आन्दोलनकारियों के सपने के अनुरूप राज्य के विकास के लिए सरकार प्रयासरत

सीएम धामी ने शहीद स्थल में राज्य आन्दोलनकारी शहीदों को दी श्रद्धांजलि, कहा – शहीद राज्य आन्दोलनकारियों के सपने के अनुरूप राज्य के विकास के लिए सरकार प्रयासरत

उत्तराखंड हलचल
देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को शहीद स्थल कचहरी में उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारियों के संघर्ष के परिणामस्वरूप ही हमें नया राज्य मिला। शहीद राज्य आन्दोलनकारियों के सपने के अनुरूप राज्य के विकास के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 02 अक्टूबर 1994 को उत्तराखण्ड के अलग राज्य की प्राप्ति के लिए आन्दोलन कर रहे हमारे नौजवान साथियों और माताओं-बहनों के साथ मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहा में क्रूरता पूर्वक बर्ताव किया गया। अनेक आन्दोलनकारियों की इसमें शहादत हुई। उनके सघंर्षों और शहादत के कारण ही हमें नया राज्य मिला। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राज्य आन्दोलनकारियों के कल्याण के लिए वचनबद्ध है। इस अवसर पर मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक खजानदास, जिलाधिकारी देहरादून सोनिका उपस्थित थे।...
दुःखद खबर : मेजर, कर्नल और DSP समेत तीन अधिकारी शहीद, दो जवान लापता

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देश—विदेश
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के कोकेरनाग इलाके में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सेना के एक कर्नल, मेजर सहित तीन अफसर शहीद हो गए हैं। कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष, जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी हुमायूं भट गोलीबारी में गंभीर रूप से घायल हो गए, जिसके बाद तीनों शहीद हो गए। उन्होंने बताया कि भट की जान ज्यादा खून बहने से हुई है। मुठभेड़ में सेना के कर्नल मनप्रीत सिंह, बटालियन कमांडिंग मेजर आशीष धोनैक और जम्मू-कश्मीर पुलिस के DSP हुमायूं भट शहीद हो गए. हमारे वीर सपूतों की शहादत से पूरा देश गमगीन है. अनंतनाग में सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर गोली चला दी. सेना और पुलिस अब दोनों पाकिस्तानी आतंकवादियों के सफाए के लिए ऑपरेशन चला रही है, जो उनके मारे जाने तक जारी रहेगा. हालांकि मुठभेड़ में दो आतंकी मारे गए हैं. जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग और राजौरी में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के ब...
बहुत कठिन है माँ हो जाना

बहुत कठिन है माँ हो जाना

समसामयिक
डॉ. दीपशिखा जैसे-जैसे कोविड-19 भारत में भी अपने पैर फैलाता जा रहा, वैसे-वैसे मेरी एक माँ के तौर पर चिंता बढ़ती जा रही है. ये चिंताएं मुझ तक महदूद नहीं हैं, मेरे जैसी हर माँ सिर्फ अपने लिए नहीं बल्कि अपने बच्चे/बच्चों के लिए चिंतित है. ऊपर से जब से प्रेगनेंट हाथी की मौत वाली न्यूज सुनी है, हर समय दिमाग़ में वो ही चलता रहता है. फिर सुशांत की आत्महत्या की ख़बर. अब भारतीय सीमाओं पर बढ़ता तनाव. बड़ी घबराहट सी होती है. अजीब-अजीब ख़्याल, सपने आते हैं. कुछ समय से बस केवल नकारात्मकता ही फैल रही है विश्व में. हर माँ के लिए ये सबसे कठिन समय है मेरी नज़रों में. मैं भी नयी-नयी माँ बनी हूँ ना, तो ज़्यादा महसूस कर रही हूँ. एक माँ कैसे अपने बच्चे को शरहदों की रखवाली करने भेजती होगी? फिर कैसे वो सो पाती होगी? कैसे बहुत दिनों तक उस की आवाज़ सुने बिना निवाला गले से जाता होगा उसके. जब सुनती होगी सीमा ...