Tag: विश्व पर्यावरण दिवस

इंडियन नर्सरीमेन एसोसिएशन ने मनाया विश्व पर्यावरण दिवस

इंडियन नर्सरीमेन एसोसिएशन ने मनाया विश्व पर्यावरण दिवस

उत्तराखंड हलचल
सहारनपुर. बुधवार को चिलकना रोड सहारनपुर में इंडियन नर्सरी मेन एसोसिएशन की टीम ने लोगो को नि:शुल्क पेड़ पौधों आवंटित किए और लोगो को पर्यावरण में पेड़ पौधे की विशेषता के बारे में बताया गया. अध्यक्ष मोहम्मद खालिद सहारनपुर उपाध्यक्ष मान सिंह सैनी उपाध्यक्ष मुशर्रफ अली महासचिव श्री रजनीश कुमार बंधु कोशा अध्यक्ष मेहमूद अली सह सचिव तेज सिंह सैनी सह सचिव अनिल कुमार द्वारा चिलकाना रोड विश्व पर्यावरण दिवस को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया,जिसमें 5000 पौधों का पर्यावरण संरक्षण हेतु नि:शुल्क वितरण किया गया. इस अवसर पर अध्यक्ष मो खालिद ने कहा कि हम सबको पर्यावरण संरक्षण के लिए पेड़ लगाने चाहिए क्योंकि एक वृक्ष 100 पुत्रों के समान होता है. एक पेड़ दिन में 230 लीटर ऑक्सीजन देता है और एक इंसान दिन में 14.5 लीटर ऑक्सीजन लेता हे पेड़ 5..6 डिग्री तापमान कम करता है और बारिश की संभावना बढ़ता है तो आप और ह...
पर्यावरण संरक्षण : ग्रीन आर्मी देव भूमि उत्तराखंड के स्वयंसेवकों द्वारा पौध रोपण

पर्यावरण संरक्षण : ग्रीन आर्मी देव भूमि उत्तराखंड के स्वयंसेवकों द्वारा पौध रोपण

पौड़ी गढ़वाल
अगर पशु पक्षी और मानव को बचाना है तो सभी ने अपने जीवन में पेड़ जरूर लगाना है महत्त्वता बहुत है पौधे की देती है ये जीवन शक्ति जीवन सफल तभी बनाओगे जब पर्यावरण बचाओगे विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून 2023) के उपलक्ष में ग्रीन आर्मी देव भूमि उत्तराखंड के स्वयंसेवकों द्वारा पर्यावरण संरक्षण  हेतु  एक दिवसीय कार्यक्रम आकृति गौ सेवा संस्थान मोटाढाक तल्ला कोटद्वार में पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. अंतर्गत अंतर्गत विभिन्न प्रजातियों के पौधे जिसमें आंवला, अमलतास, जामुन अमरूद आदि के पौधे रोपित किए गए. आज एक दिवसीय कार्यक्रम में असहाय पशुओं की सहायता के लिए सदैव तत्पर रहने वाली आकृति गौ सेवा संस्थान की अध्यक्ष श्रीमती सुषमा ज़ख्मोला जी  द्वारा अपना अमूल्य सहयोग प्रदान किया गया . ग्रीन आर्मी देवभूमि के अध्यक्ष शिवम् नेगी द्वारा बताया गया कि प्रकृति से ही मनुष्य और पशु जुड़े हुए हैं अपनी प्रकृ...
पर्यावरण ही जीवन का स्रोत है

पर्यावरण ही जीवन का स्रोत है

पर्यावरण
विश्व पर्यावरण दिवस पर विशेष प्रो. गिरीश्वर मिश्र  हमारा पर्यावरण पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश इन पंच महाभूतों या तत्वों से निर्मित है. आरम्भ में मनुष्य इनके प्रचंड प्रभाव को देख चकित थे. ऐसे में यदि इनमें देवत्व के दर्शन की परम्परा चल पड़ी तो कोई अजूबा नहीं है. आज भी भारतीय समाज में यह एक स्वीकृत मान्यता के रूप में आज भी प्रचलित है. अग्नि, सूर्य, चंद्र, आकाश, पृथ्वी, और वायु आदि ईश्वर के ‘प्रत्यक्ष’ तनु या शरीर कहे गए है. अनेकानेक देवी देवताओं की संकल्पना प्रकृति के उपादानों से की जाती रही है जो आज भी प्रचलित है. शिव पशुपति और पार्थिव हैं तो गणेश गजानन हैं. सीता जी पृथ्वी माता से निकली हैं. द्रौपदी यज्ञ की अग्नि से उपजी ‘याज्ञसेनी’ हैं. वैसे भी पर्यावरण का हर पहलू हमारे लिए उपयोगी है और जीवन को सम्भव बनाता है. वनस्पतियाँ हर तरह से लाभकर और जीवनदायी हैं. वृक्ष वायु-संचार के मुख्य आ...
आगाज फेडरेशन ने आज तक बनाए 2000 सीड बम!

आगाज फेडरेशन ने आज तक बनाए 2000 सीड बम!

चमोली
विश्व पर्यावरण दिवस का आगाज करते हुए आगाज फेडरेशन  पीपलकोटी के  साथियों द्वारा आज  तक 2000  सीड बम -या सीड बाल बनाये गए हैं! इन सीड बम को आगामी बरसात में भूस्खलन वाले क्षेत्रों, नए बन रही सडकों के मलबे के ढेरों पर फेंका और रोपित  किया जाएगा. यही नहीं संस्था द्वारा डाबर के सहयोग से इस माह 60 हजार - सुगंधबाला की पौध  और 4000 पोल्य्बैग वाले क्विराल या कचनार तथा जनपद में पहली बार गरम इलाकों के लिए 2000 कुटज के पौधे कल 5 जून से निशुल्क दिए जा रहे हैं. इस कार्य में  आगाज के  साथियों - श्रीमती रेवती देवी, सरस्वती देवी  कुमारी अंजलि, आयुष और आगाज के कोऑर्डिनेटर जयदीप किशोर, उत्तराखंड बांस एवं रेशा विकास परिषद् के आशीष सती, मास्टर ट्रेनर प्रदीप कुमार  और अलकनंदा स्वायत्त सहकारिता की सचिव श्रीमती भुवना पंवार और भंगोला  कंपनी के अखिलेश कुमार और कुलदीप नेगी  प्रयास रत हैं! सीड बम बनाने का काम पीपलक...
प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा ही राष्ट्रवाद और सनातन धर्म का मूल विचार है

प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा ही राष्ट्रवाद और सनातन धर्म का मूल विचार है

पर्यावरण
विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून पर विशेष डॉ. मोहन चंद तिवारी 5 जून को हर साल ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ के रूप में मनाया जाता है. पर्यावरण प्रदूषण की समस्या पर संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से स्वीडन स्थित स्टॉकहोम में विश्व भर के देशों का पहला पर्यावरण सम्मेलन 5 जून, सन् 1972 को आयोजित किया गया था,जिसमें 119 देशों ने भाग लिया और पहली बार एक ही पृथ्वी के because सिद्धान्त को वैश्विक धरातल पर मान्यता मिली.इसी सम्मेलन में ‘संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम' (यूएनईपी) का भी जन्म हुआ. तब से लेकर प्रति वर्ष 5 जून को भारत में भी ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ के रूप में मनाया जाता है.प्रदूषण एवं पर्यावरण की समस्याओं के प्रति आम जनता के मध्य जागरूकता पैदा करना इस पर्यावरण दिवस का मुख्य प्रयोजन है.पर चिन्ता की बात है कि अब ‘पर्यावरण दिवस’ का आयोजन भारत के संदर्भ में महज एक रस्म अदायगी बन कर रह गया है. पर्यावरण दि...
वैदिक संस्कृति का अनुपालन ही पर्यावरण संरक्षण का सर्वोत्तम विकल्प है

वैदिक संस्कृति का अनुपालन ही पर्यावरण संरक्षण का सर्वोत्तम विकल्प है

पर्यावरण
विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून पर विशेष भुवन चंद्र पंत पूरा विश्व आज पर्यावरण की समस्या से जूझ रहा है, इसमें दो राय नहीं कि इस समस्या के पीछे हमारी अतिभोगवादी मनोवृत्ति रही है. अति का इति निश्चित है. ’ईट, ड्रिंक एण्ड बी because मैरी’ का विचार पश्चिम की देन है, हमारी विचारधारा तो वैदिक काल से लेकर महात्मा गान्धी तक अपरिग्रह की पोषक रही है. उन्होंने भोग में सुख तलाशा है, तो सनातन संस्कृति ने त्याग में वास्तविक सुख को प्रमुखता दी है. मुझे यह कहने में तनिक भी संकोच नहीं कि आज की पर्यावरण की समस्या के लिए पश्चिम की भोगवादी संस्कृति उत्तरदायी है, लेकिन दुर्भाग्य है कि आज हम उसी संस्कृति का अनुकरण कर और तथाकथित आधुनिक बनकर स्वयं को भी मुसीबत की ओर धकेल रहे हैं. नैनीताल हवि में गाय का घी एक प्रमुख घटक है, इसके अतिरिक्त विभिन्न औषधीय वनस्पतियों व आम के लकड़ियों का प्रयोग बताया गया है. ये सभी घट...
पर्यावरण की रक्षा राष्ट्रधर्म है

पर्यावरण की रक्षा राष्ट्रधर्म है

पर्यावरण
विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून) पर विशेष डॉ. मोहन चन्द तिवारी 5 जून को हर साल ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ मनाने का खास दिन है. पर्यावरण प्रदूषण की समस्या पर संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से स्वीडन स्थित स्टॉकहोम में विश्व भर के देशों का पहला पर्यावरण सम्मेलन 5 जून, सन् 1972 को आयोजित किया गया था, जिसमें 119 देशों ने भाग लिया और पहली बार एक ही पृथ्वी के सिद्धान्त को वैश्विक धरातल पर मान्यता मिली. इसी सम्मेलन में ‘संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम’ (यूएनईपी) का भी जन्म हुआ. तब से लेकर प्रति वर्ष 5 जून को भारत में भी ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ मनाया जाता है तथा प्रदूषण एवं पर्यावरण की समस्याओं के प्रति आम जनता के मध्य जागरूकता पैदा की जाती है.पर चिन्ता की बात है कि अब ‘पर्यावरण दिवस’ का आयोजन भारत के संदर्भ में महज एक रस्म अदायगी बन कर रह गया है. दुनिया के तमाम देश भी ग्लोबल वार्मिंग की समस्या से चिन्...