पहाड़ में स्वरोजगार का बेहतर जरिया हो सकती है लहसुन की जैविक
डॉ. राजेंद्र कुकसाल
लहसुन पहाड़ी क्षेत्रों की एक प्रमुख नगदी/व्यवसायिक फसल है. पारंपरिक रूप से उगाई जाने वाली लहसुन जैविक होने के साथ ही अधिक पौष्टिक, स्वादिष्ट व औषधीय गुणों से because भरपूर भी होती है जिस कारण बाजार में इसकी मांग अधिक रहती है.
उद्यान विभाग के बर्ष 2015 - 16 में दर्शाये गये आंकड़ों के अनुसार राज्य में 1530.45 हैक्टर क्षेत्र फल में लहसुन की खेती की जाती है जिससे 9768.25 मैट्रिक टन उत्पादन होता है.
पहाड़ी
पहाड़ी क्षेत्रों में पारंपरिकbut रूप से उगाई जाने वाली लहसुन जैविक होने के साथ ही अधिक पौष्टिक, स्वादिष्ट व औषधीय गुणों से भरपूर होती है, जिस कारण बाजार में इसकी मांग अधिक रहती है.
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जलवायु
ऐसी जगह जहां न तो बहुत गर्मी हो so और न ही बहुत ठण्डा लहसुन की खेती के लिए उपयुक्त है. लहसुन की खेती 1000 से 1500 मीटर तक की ऊंचाई वाले क्षेत्र जहां तापमान 25 - 35...