द्वाराहाट के ‘मन्या’ मंदिर : एक पुनर्विवेचना
डॉ. मोहन चंद तिवारी
बीस-पच्चीस वर्ष पूर्व जब मैं अपनी पुस्तक ‘द्रोणगिरि:इतिहास और संस्कृति’ के लिए द्वाराहाट के मंदिर समूहों के सम्बंध में जानकारी जुटा रहा था, तो उस समय मेरे लिए 'मन्या' या 'मनिया'because नामक मंदिर समूह के नामकरण का औचित्य ज्यादा स्पष्ट नहीं हो पाया था. द्वाराहाट के इतिहास के बारे में जानकार विद्वानों से पूछने के बाद भी यह प्रश्न सुलझ नहीं पाया कि इन मंदिर समूहों को आखिर 'मन्या' क्यों कहा जाता है? इस क्षेत्र से जुड़े पुरातत्त्व विशेषज्ञ और स्थापत्य के जानकार भी द्वाराहाट के मनिया मंदिर के बारे में ज्यादा वास्तुशात्रीय जानकारी शायद इसलिए नहीं दे पाए क्योंकि द्वाराहाट क्षेत्र में विभिन्न मन्या स्मारकों के बारे में उनकी जानकारी का सर्वथा अभाव ही था.
ज्योतिष
हालांकि राहुल सांकृत्यायन, नित्यानन्द मिश्र, प्रो.राम सिंह आदि इतिहासकारों ने कुछ अप्रत्यक्ष जानकारी अवश्य दी है. क...