Tag: रानीखेत

उत्तराखंड के विख्यात पर्यटन नगर में संपन्न हुआ नौवां ‘रानीखेत किताब कौतिक’

उत्तराखंड के विख्यात पर्यटन नगर में संपन्न हुआ नौवां ‘रानीखेत किताब कौतिक’

नैनीताल
सी एम पपनैं रानीखेत. ‘क्रिएटिव उत्तराखंड-म्योर पहाड़’ द्वारा आयोजित तथा सांस्कृतिक समिति रानीखेत एवं छावनी परिषद द्वारा रानीखेत के बहुउद्देशीय भवन में 10, 11 और 12 मई को आयोजित नौवां ‘रानीखेत किताब कौतिक’ स्कूली बच्चों व स्थानीय जनमानस के मध्य प्रेरणादायी छाप छोड़ संपन्न हुआ. प्राकृतिक सुषमा की दृष्टि से सदा सैलानियों को आकर्षित करता रहा उत्तराखंड के पर्वतीय अंचल के सु-विख्यात पयर्टन नगर रानीखेत में आयोजित किए गए 'रानीखेत किताब कौतिक' का आयोजन बड़े स्तर पर आयोजित किया गया. 10 मई को रानीखेत तथा क्षेत्र के विभिन्न विद्यालयों में अलग-अलग कैरियर से संबंधित ज्ञान वर्धक कार्यक्रम आयोजित किए गए. 11 मई को छावनी परिषद के बहुउद्देशीय भवन में 'रानीखेत किताब कौतिक' का भव्य श्रीगणेश मुख्य अतिथि कुमाऊं रेजीमेंट मुख्यालय कमांडेंट संजय यादव द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर व चिल्ड्रंस अकादमी सौनी द्वारा स...
उत्तराखंड के विख्यात पर्यटन नगर रानीखेत में आयोजित होगा नौवां ‘किताब कौतिक’

उत्तराखंड के विख्यात पर्यटन नगर रानीखेत में आयोजित होगा नौवां ‘किताब कौतिक’

उत्तराखंड हलचल
सी एम पपनैं, वरिष्ठ पत्रकार रानीखेत। ‘क्रिएटिव उत्तराखंड-म्योर पहाड़’ द्वारा उत्तराखंड के ख्यातिरत पर्यटन नगर रानीखेत में आगामी माह मई के 10, 11 और 12 को नौवें ‘रानीखेत किताब कौतिक’ का आयोजन रानीखेत छावनी बोर्ड एवं रानीखेत सांस्कृतिक समिति के सहयोग से छावनी परिषद के बहुउद्देशीय भवन में वरिष्ठ पत्रकार, रंगकर्मी व समाजसेवी विमल सती के संयोजन में आयोजित किया जा रहा है। प्राकृतिक सुषमा की दृष्टि से सदा सैलानियों को आकर्षित करता रहा उत्तराखंड के पर्वतीय अंचल का सु-विख्यात पयर्टन नगर रानीखेत में आयोजित किए जा रहे 'रानीखेत किताब कौतिक' का आयोजन बड़े स्तर पर आयोजित किए जाने की रूपरेखा तैयार की गई है। आयोजित हो रहे किताब कौतिक में आयोजकों द्वारा सुप्रसिद्ध लेखकों से परिसंवाद, पुस्तक विमोचन, सैन्य परंपरा, कृषि बागवानी, बढ़ती नशा प्रवृत्ति, हिन्दी साहित्य में कविता विधा सहित अनेक साहित्यिक एवं स...
पिथौरागढ़ : चार युद्ध लड़ने वाले 82 वर्षीय मेजर त्रिलोक सिंह सौन

पिथौरागढ़ : चार युद्ध लड़ने वाले 82 वर्षीय मेजर त्रिलोक सिंह सौन

पिथौरागढ़
प्रकाश चन्द्र पुनेठा, सिलपाटा, पिथौरागढ़ पिथौरागढ़ से पूर्व में लगभग 35 किलोमीटर दूर नेपाल सीमा व काली नदी के निकट क्वीतड़ गाँव के तोक चैड़ा में 1 जनवरी, 1944 के दिन एक किसान करम सिंह सौन व उनकी पत्नी ग्वाली देवी के परिवार में एक शिशु का जन्म हुआ। उसका नामकरण बड़ी धूमधाम से मनाया गया और नाम रखा गया त्रिलोक सिंह सौन। करम सिंह 120 नाली  भूमी के स्वामी होने के साथ एक संपन्न तथा समृद्ध किसान थे। करम सिंह अपने परिश्रम के बलबूते, अपने खेतों में पसीना बहाकर, खेतों में अनाज उगाकर तथा गाय-भैंस पालकर अपने परिवार का भरण-पोषण बहुत अच्छी तरह करते थे। उनके घर में अनाज व दूध-दही-घी की कमी नहीं थी। अगर कमी थी तो आधुनिक सुख-सुविधाओं की। उस समय हमारा देश ब्रिटिश शासन के पराधीन था। हमारे पर्वतीय क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ तथा आवागमन की सुविधाओं का बहुत अधिक अभाव था। पिथौरागढ़ जिला अल्मोड़ा का एक परगना था, पिथौरा...
दुदबोलि के पहरू थे मथुरा दत्त मठपाल

दुदबोलि के पहरू थे मथुरा दत्त मठपाल

साहित्‍य-संस्कृति
कृष्ण चन्द्र मिश्रा कुमाउनी भाषा के कवि और दुदबोलि के पहरू(रक्षक) मथुरादत्त मठपाल 'मनख' का जन्म 29 जून 1941 ईस्वी को हुआ. इनकी जन्म स्थली अल्मोड़ा जिला के भिक्यासैंण ब्लॉक का नौला गांव था. यह गांव पश्चिमी रामगंगा because नदी के बाएं किनारे पर बसा हुआ है. इनके पिता स्व. हरिदत्त मठपाल स्वतन्त्रा संग्राम सेनानी थे. देश आजाद होने से पहले वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सक्रिय सदस्य थे. इनकी माँ कान्ति देवी कर्मठ महिला थीं. इनका परिवार संपन्न था. मथुरादत्त मठपाल मठपाल जी की पढ़ाई गांव के प्राइमरी स्कूल से शुरू हुई, सन् 1951 ई0 में प्राथमिक विद्यालय विनायक से दर्जा 5 पास किया, मानिला मिडिल स्कूल से 8 वीं कक्षा पास की. रानीखेत नेशनल हाईस्कूल से सन् 1956 ई0 में दसवीं और रानीखेत because मिशन इण्टर कॉलेज से इण्टरमीडिएट पास किया. लखनऊ विश्वविद्यालय में बी0एस0सी0 प्रथम वर्ष में प्रवेश लिया किन्तु...
गधेरों से उठता सिर्फ धुआँ…

गधेरों से उठता सिर्फ धुआँ…

समसामयिक
प्रकाश उप्रेती पहाड़ के गाँव महामारी के कई रूपों से लड़ रहे हैं. स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का आलम सरकार दर सरकार दर जर्ज़र होता गया. तहसील और जिले के अस्पतालों में डॉ. के नाम रेफर बाबू हैं और दवा के नाम पर कैल्शियम की गोलियां. अखबारों में अस्पताल के अभाव में दम तोड़ते लोग, प्रसव पीड़ा में रास्ते में ही बच्चे को जन्म देती because माताओं की तस्वीरें छपती रही हैं लेकिन हमारे हुक्मरानों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ा. विधायक से लेकर सांसद तक दून और दिल्ली में मौज करते रहे . हमारे इलाके के सांसद महोदय को लोग पहचानते भी नहीं  है. वह भी इलाके को नहीं पहचानते हैं . सूर्य देव पिछले साल मेरी ईजा पर सुअर ने हमला कर दिया था. उनके इलाज के लिए मैं भिकियासैंण, चखुटिया और रानीखेत के सरकारी अस्पतालों में गया और वहाँ जो स्थिति देखी वह भयावह थी. उसके बाद कई तहसीलों में जाकर अस्पतालों पर लिखा भी लेकिन उससे किसको क्...
आनंद का समय 

आनंद का समय 

साहित्‍य-संस्कृति
नीलम पांडेय‘नील’ ब्रह्म ने पृथ्वी के कान में एक बीज मंत्र दे दिया है उसी क्रिया की प्रतिक्रिया में  जब बादल बरसते हैं,  तो स्नेह की वर्षा होने लगती है  और पृथ्वी निश्चल भीग उठती है. आज भी बादलों के गरजने और  धरती पर फ्यूंली के फूलने से, यूं लग रहा है  कि पृथ्वी मंत्र बुदबुदा रही है.  उत्तराखंड चीड़ के वृक्षों की झूमती कतारों से निकलने वाली सांय-सांय की आवाज दूर तक जैसे किसी की याद दिलाने लगती है. वृक्षों से निकल कर  पीला फाग उड़-उड़ कर because फैलने लगता है और पूरे वातावरण को अपनी आगोश में ले लेता है. एक लम्बी सुसुप्ति और नीरवता के बाद पेड़ पौधों पर नवांकुरो और नवपल्लवों को आते हुए देखना बहुत सुंदर लगता है ...आज सृजन के ऋतु यानी ऋतुराज वसंत के आगमन की शुरुआत है. नव पल्लव की सुगंध में रचे बसे से लोग, लोक जीवन के भाव लिए हुए नए कोंपलों के स्वागत की तैयारी में गीत गाने लगते हैं, so ...
राज्य मिलने के बीस साल बाद भी उपेक्षित है जालली सुरेग्वेल क्षेत्र

राज्य मिलने के बीस साल बाद भी उपेक्षित है जालली सुरेग्वेल क्षेत्र

अल्‍मोड़ा
डॉ. मोहन चन्द तिवारी अभी हाल ही में 22, जुलाई, 2020 को जालली क्षेत्र के सक्रिय कार्यकर्त्ता और समाजसेवी भैरब सती ने अमरनाथ, ग्राम प्रधान जालली; मनोज रावत, ग्राम प्रधान ईड़ा; सरपंच दीन दयाल काण्डपाल, मोहन काण्डपाल, नन्दन सिंह, गोपाल दत, पानदेव व महेश चन्द्र जोशी आदि क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के एक शिष्टमंडल की अगुवाई करते हुए जालली क्षेत्र के विकास और वहां उप तहसील के कार्यालय की स्थापना की मांग को लेकर द्वाराहाट तहसील के एसडीएम श्री आर के पाण्डेय से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन भी सौंपा है. जालली क्षेत्रवासियों की एक मुख्य मांग है कि वहां एक साधन संपन्न कार्यालय खोला जाए और तुरंत वहां डाटा आपरेटर की नियुक्ति की जाए, ताकि इस कोरोना काल की चरमराई हुई राज्य परिवहन व्यवस्था के दौर में स्थानीय लोगों को अपने खतोंनी की नकल प्राप्त करने और परिवार रजिस्टर, आय प्रमाण पत्र,स्थायी निवास पत्र, जातिपत...