बुदापैश्त डायरी-2 : भाषा का पुल
डॉ विजया सती दिल्ली विश्वविद्यालय के हिन्दू कॉलेज से हाल में ही सेवानिवृत्त हुई हैं। इससे पहले आप विज़िटिंग प्रोफ़ेसर हिन्दी – ऐलते विश्वविद्यालय, बुदापैश्त, हंगरी में तथा प्रोफ़ेसर हिन्दी – हान्कुक यूनिवर्सिटी ऑफ़ फ़ॉरन स्टडीज़, सिओल, दक्षिण कोरिया में कार्यरत रहीं। साथ ही महत्वपूर्ण पत्र-पत्रिकाओं में कविताएं, पुस्तक समीक्षा, संस्मरण, आलेख निरंतर प्रकाशित होते रहे हैं। विजया सती जी अब ‘हिमाँतर’ के लिए ‘देश-परदेश’ नाम से कॉलम लिखने जा रही हैं। इस कॉलम के जरिए आप घर बैठे परदेश की यात्रा का अनुभव करेंगे।
देश—परदेश भाग—2
डॉ. विजया सती
यूरोप के केन्द्र में जागते हुए से इस देश हंगरी की राजधानी बुदापैश्त में पहुंचे दो महीने से अधिक हो गए. इतना समय बीत जाने तक भी, अभी बहुत कुछ नया, अनपहचाना, अनजाना, अपरिचित सा ही लगता.
अप्रैल के अंत और वसंत के आरम्भ में मौसम कई करवटें लेने लगा. कभी तेज...