उत्तराखंड में रोजगार की रीढ़ बन सकती है : माल्टा और संतरे की खेती
उत्तराखंड के गांवों में खुद बनाएं माल्टा और संतरा प्रजाति की पारिवारिक नर्सरियां
जे. पी. मैठाणी
एक कोशिश आप सभी कीजिये एक हम भी कर रहे हैं - ये सभी फोटो हमारे एक फल संरक्षण केंद्र - पीपलकोटी के हैं - जिसका संचालन हमारी प्रशिक्षक श्रीमती भुवना देवी कर रही हैं. आजकल पूरे पहाड़ में अलग अलग स्थानों पर छोटे बड़े केन्द्रों पर ग्रामीण और युवा उद्यमी फल संरक्षण केंद्र के रूप में काम कर रहे हैं. इन केन्द्रों पर लोग दूर दूर से आते हैं- संतरा, कागजी नीम्बू, हिल लेमन यानी गलगल आदि फलों को जूस या स्क्वाश बनवा कर अपने अपने गांवों को वापस चले जाते हैं, लेकिन अगर इस फल संरक्षण केन्द्रों पर कोई भी ग्रामीण उद्यमी, युवा आदि जूस निकलने के बाद फलों के पल्प से बीज अलग निकाल कर अपने अपने गाँव ले जाकर अगर छोटी-छोटी नर्सरी बना दें तो बीजू पौधों की एक बढ़िया नर्सरी जिसमे 200 से लेकर 1000 तक बीजू पौधे हर गाँव में उ...