Tag: मानसखंड

पीएम का पिथौरागढ़ दौरा: फिर दिखी पीएम मोदी-सीएम धामी की जुगलबंदी

पीएम का पिथौरागढ़ दौरा: फिर दिखी पीएम मोदी-सीएम धामी की जुगलबंदी

पिथौरागढ़
देहरादून: आज उत्तराखंड के सीमांत जनपद पिथौरागढ़ के दौरे पर पहुँचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक बार फिर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की बेहद खास जुगलबंदी देखने को मिली। दरअसल, पीएम मोदी ने पवित्र पार्वती सरोवर में दर्शन एवं पूजन से लेकर सेना के जवानों के बीच सीएम धामी को हर जगह अपने साथ-साथ रखा।प्रधानमंत्री का उत्तराखंड से हमेशा से विशेष लगाव रहा है। बीते वर्ष भी प्रधानमंत्री मोदी बद्रीनाथ धाम में दर्शनों के बाद जब देश के अंतिम गांव(तब तक) माणा में पहुँचे तो यहां भी दोनों के बीच की केमेस्ट्री साफ झलकी। माणा में आयोजित जनसभा में पीएम मोदी ने अपने भाषण में सीएम धामी के उस कथन पर मुहर लगा दी, जिसमें माणा देश का पहला गांव होने की बात कही। इसके बाद से माणा को देश के प्रथम गांव के रूप में पहचान मिली है। यहां आयोजित जनसभा में भी पीएम मोदी ने सीएम धामी की मंच से मुक्तकंठ से प्रशंसा की। सीएम ...
गणतंत्र दिवस परेड: उत्तराखंड की झांकी ‘मानसखंड’ को मिला पहला पुरस्कार

गणतंत्र दिवस परेड: उत्तराखंड की झांकी ‘मानसखंड’ को मिला पहला पुरस्कार

देहरादून
टीम लीडर केएस चौहान की मेहनत रंग लाई, अब कर चुके हैं 13 झांकियों का नेतृत्व  देहरादून. गणतंत्र दिवस की परेड में कर्तव्य पथ पर शामिल उत्तराखंड की मानसखंड झांकी को पहला पुरस्कार मिला है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस उपलब्धि के लिए प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि यह उपलब्धि हम सबके लिए गौरवशाली पल है. मुख्यमंत्री ने कहा कि पुराणों में गढ़वाल का केदारखंड और कुमाऊं का मानसखंड के रूप में वर्णन किया गया है. स्कंदपुराण में मानसखंड के बारे में बताया गया है. जागेश्वर मंदिर की बहुत धार्मिक मान्यता है. गणतंत्र दिवस परेड को अभी तक राजपथ के नाम से जाना जाता था, किंतु इस वर्ष उसका नाम बदलकर कर्तव्य पथ रखा गया है. नाम बदलने के बाद कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस की यह. पहली परेड थी, जिसमे उत्तराखंड की झांकी मानसखंड को देश मे प्रथम स्थान मिलने से इतिहास में उत्तराखंड राज्य का नाम दर्ज हो गया है. ...
सुखादेवी: शुकवती का उद्गम व सरस्वती का संगम स्थल

सुखादेवी: शुकवती का उद्गम व सरस्वती का संगम स्थल

धर्मस्थल
कुमाऊं क्षेत्र के उपेक्षित मन्दिर - 4  डॉ. मोहन चंद तिवारी द्वाराहाट में गर्ग आश्रम से निकलने वाली गार्गी नदी गगास के पौराणिक इतिहास के बारे में तो सब जानते हैं किंतु 'सुखादेवी' (Sukhadevi) आश्रम से निकलने वाली इस नदी की बड़ी बहिन गुमनाम 'शुकवती' के बारे में कोई नहीं जानता. आजकल महावतार बाबा की गुफा दिखाने वाली टूरिस्ट संस्थाओं द्वारा भी विदेशी टूरिस्टों को आकर्षित करने के लिए पुराण प्रसिद्ध 'शुकवती' because नदी के उद्भव स्थान 'सुखादेवी' को 'स्वेता देवी' का एक नया नाम देकर  द्रोणगिरि क्षेत्र और इस देवी स्थल को शुकदेव मुनि की तपःस्थली बताकर द्रोणगिरि और गगास घाटी की समूची नदी परम्परा और उसके निकट बसे ऐतिहासिक शैव मंदिरों के इतिहास की भी विकृत व्याख्या की जा रही है.जिस सरस्वती नदी की वेदों में श्रेष्ठतम माता, श्रेष्ठतम नदी और श्रेष्ठतम देवी के रूप में स्तुतिगान हुआ है,उसे 'स्वेता देवी...