महिलायें, पीरियड्स और क्वारंटीन
डॉ. दीपशिखा जोशी
वैसे तो लगभग हमारे देश के हर हिस्से में महिलाओं को माहवारी के दिनों में अछूत माना जाता है, मगर पहाड़ी इलाक़ों में ख़ासकर बात करूँगी उत्तराखण्ड के बहुत जगहों पर इस प्रथा का बहुत सख़्ती से पालन होता है.
बहुत से लोग जो अब शहरों में रहते हैं या जिनका कभी पहाड़ों से वास्ता ना रहा हो शायद विश्वास ना करें कि अभी भी या कभी इतना कठिन जीवन जीती हैं या जीती थी महिलायें!
क्वारंटीन, आइसोलेशन शब्द हम में से बहुत से लोगों ने अब इस कोरोना काल में सुने होगें, मगर वो पहाड़ी महिला आज भी माहवारी के उन कठिन दिनों में रहती है पूरे 4 से 7 दिन बिलकुल अलग-थलग, उसे कोई छू नहीं सकता, अगर कोई छू लें तो गौ-मूत्र से उसकी शुद्धि की जाती है. उस महिला को इन दिनों केवल रसोई या पूजा-घर ही नहीं घर के बाक़ी हिस्सों में जाने की भी मनाही होती है. उसे मिलता है एक अलग स्थान, घर का कोई कोना, अधिकांशतया गाय को...