Tag: महासू देवता

मुख्य सचिव एसएस संधु ने महासू दरबार में टेका मथा

मुख्य सचिव एसएस संधु ने महासू दरबार में टेका मथा

उत्तरकाशी
महासू मंदिर समिति व स्थानीय लोगों ने परम्परागत वाद्ययंत्रों एवं फूल-मालाओं के साथ किया मुख्य सचिव का स्वागत, भेंट  किया स्मृति चिन्ह नीरज उत्तराखंडी हनोल. रविवार को मुख्य सचिव एसएस संधु हनोल पहुंचे . उन्होंने महासू मंदिर में माथा टेका और सुख समृद्धि की कामना की. हनोल आगमन पर मंदिर समिति एवं स्थानीय लोगों ने उनका परम्परागत वाद्ययंत्रों एवं फूल मालाओं से स्वागत किया. अनुसूचित जनजाति  आयोग के पूर्व  अध्यक्ष मूरत राम शर्मा ने मुख्य  सचिव एसएस संधु को चार  महासू देवताओं के कश्मीर से जौनसार बावर आगमन की पौराणिक कथा सुनाई.  इस दौरान मंदिर समिति ने उन्हें मांग दिया  जिसमें  चार धाम यात्रा की शुरुआत हनोल  से करने, हनोल में हैली पैड,पार्किंग तथा यात्रियों के लिए धर्मशाला का निर्माण किए जाने की मांग की गई  है. मंदिर समिति के सदस्यों ने मुख्य सचिव को महासू देवता मंदिर का छाया चित्र स्मृति ...
न्याय के देवता महासू महाराज

न्याय के देवता महासू महाराज

धर्मस्थल
फकीरा सिंह चौहान स्नेही महासू देवता को जौनसार-बावर में ही नहीं अपितु पूरे उत्तराखंड  हिमाचल में न्याय के देवता के रूप में पूजा जाता है. महासु  किसी एक देवता का नाम नहीं बल्कि चार भाइयों के नाम से महासु बंधु विख्यात है. इनका मुख्य मंदिर देहरादून से 190 किलोमीटर दूर तमसा नदी के पूर्वी तट पर जौनसार बावर क्षेत्र के हनोल नामक स्थान पर प्राचीन काल से ही स्थापित है. मंगोल नागर शैली से मिश्रित स्थापत्य यह मंदिर अद्भुत काष्ट कला एवं पथरो से निर्मित है. समुद्र तल से 1250 मीटर की ऊंचाई पर बने वर्तमान मंदिर का निर्माण नवीं शताब्दी के आसपास का बताया जाता है जबकि, एएसआइ (पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग) के रिकार्ड में मंदिर का निर्माण 11वीं व 12वीं सदी का होने का जिक्र है. वर्तमान मे इसका संरक्षण भी एएसआइ ही कर रहा है. हनोल शब्द की उत्पत्ति यहां के एक ब्रह्मण हुणाभाट के नाम से मानी जाती है. जिसके सात पुत्रों...