Tag: बाल साहित्य

बाल साहित्य का स्पेस ‘मोबाइल’ की ‘स्क्रीन’ ने भर दिया

बाल साहित्य का स्पेस ‘मोबाइल’ की ‘स्क्रीन’ ने भर दिया

साहित्‍य-संस्कृति
बाल दिवस पर विशेष प्रकाश उप्रेती पिछले कुछ समय से हमारी दुनिया बहुत तेजी से बदली है. इस बदलाव में एक पीढ़ी जहाँ बहुत पीछे रह गई तो वहीं दूसरी पीढ़ी बहुत आगे निकल गई है. इस बदलाव में जिसने because अहम भूमिका निभाई वह मोबाइल की स्क्रीन और एक क्लिक पर सबकुछ खोज लेना का भरोसा देने वाला इंटरनेट है. आज  बाल पत्रिकाओं के मुकाबले बच्चे मोबाइल की स्क्रीन पर यूट्यूब के जरिए कहानियाँ देख रहे हैं. उनका पूरा बौद्धिक स्पेस मोबाइल और इंटरनेट तक सिमट गया है. ज्योतिष हिंदी साहित्य के केंद्र में बाल साहित्य कभी नहीं रहा . हमेशा से बाल साहित्य को अगंभीर साहित्यिक कर्म के रूप में देखा गया . आज भी बाल साहित्य के अस्तित्व पर अलग से कम ही बात होती है. इसलिए कभी बचकाना साहित्य कह कर तो कभी साहित्यिक गंभीरता (जो कम ही दिखती है) के नाम पर बाल साहित्य को केंद्र because से बाहर ही रखा गया.  इसके बावजूद हिंदी मे...
युवा साहित्यकार ललित शौर्य को मिला हिंदी सेवा रत्न सम्मान

युवा साहित्यकार ललित शौर्य को मिला हिंदी सेवा रत्न सम्मान

साहित्यिक-हलचल
हिमांतर ब्यूरो, पिथौरागढ़ उत्तराखंड के युवा साहित्यकार ललित शौर्य को देहरादून में हिंदी सेवा रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया है. स्वदेशी जागरण मंच द्वारा आयोजित मेले में कार्यक्रम की because मुख्य अतिथि भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय महामंत्री दीप्ति रावत, स्वदेशी जागरण मंच के प्रान्त संयोजक सुरेंद्र, स्वदेशी जागरण मंच के प्रान्त संघर्ष वाहिनी प्रमुख प्रवीण पुरोहित, स्वदेशी जागरण मंच के महानगर प्रचार प्रमुख आधार वर्मा व समाजसेवी रजनीश कौंसवाल ने संयुक्त रूप से शौर्य को यह सम्मान प्रदान किया. ज्योतिष दीप्ति रावत ने कहा कि ललित शौर्य प्रसंशनीय कार्य कर रहे हैं. उन्होंने कम उम्र में बाल साहित्य को अप्रतिम योगदान प्रदान किया है. उनकी साहित्य साधना प्रभावित करती है. because स्वदेशी जागरण मंच के प्रांत संयोजक सुरेंद्र ने कहा कि ललित शौर्य का बाल साहित्य नई पीढ़ी को गढ़ने का कार्य कर रहा है...
संसारभर का दुख बाँटती महादेवी  

संसारभर का दुख बाँटती महादेवी  

साहित्यिक-हलचल
मीना पाण्डेय महादेवी mahadevi vermaनिशा को, धो देता राकेश चाँदनी में जब अलकें खोल, कली से कहता था मधुमास बता दो मधुमदिरा का मोल; गए तब से कितने युग बीत हुए कितने दीपक निर्वाण! नहीं पर मैंने पाया सीख तुम्हारा सा मनमोहन गान. महादेवी महादेवी जितनी छायावाद की एक महान कवयित्री के रूप में महत्वपूर्ण हैं उतनी ही महत्वपूर्ण है उनकी जीवन यात्रा और दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ संकीर्ण विचार वाले समाज में अपनी शर्तों के साथ जीवन जीने का प्रयास और काफी हद तक उसमें विजय होना. कविता को संसार का सुख-दुख बांटने का माध्यम मान स्वयं एक सर्वप्रिय कवियत्री के so...